मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सीबीआई अधिकारी बनकर डिजिटल अरेस्ट करने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड सुरेश सेन को एसटीएफ ने रविवार को कंबोडिया से लौटते वक्त नई दिल्ली हवाई अड्डे से गिरफ्तार कर जेल भेजा। सुरेश सेन ने साथियों संग मिलकर विकास नगर में क्लीनिक संचालित करने वाले जनरल फिजीशियन डॉ. अशोक सोलंकी को दो दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर 48 लाख रुपये ऐंठे थे। इस मामले में एसटीएफ दो लोगों को पहले ही जेल भेज चुकी है। एसटीएफ ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी सुरेश मूल रूप से राजस्थान के अलवर का रहने वाला है। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि अप्रैल 2023 में दिल्ली से कोलकाता, बैंकॉक होते हुए कंबोडिया गया था। उसे राजस्थान के झुंझुनू निवासी एजेंट रफीक भाटी के जानने वाले मुंबई निवासी एजेंट नितिन ने कंबोडिया भेजा था। वहां उसकी मुलाकात एक बांग्लादेशी नागरिक से हुई। उसने पाकिस्तान के यासीन चौधरी से उसे मिलवाया।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इसके बाद उसने चाइनीज लोग द्वारा संचालित साइबर ठगी करने वाली पांच कंपनियों में दस महीने तक ट्रेनिंग ली। इसके बाद पूर्व में गिरफ्तार नितिन के माध्यम से लोगों को कंबोडिया बुलाने लगा। उसके व यासीन के माध्यम से किसी का सेलेक्शन इन ठगी की कंपनियों/कॉल सेंटरों में होने पर एक हजार डालर का कमीशन मिलता था। जिसे वह दोनों आपस में बांट लेते थे। इसके कुछ दिन बाद यासीन से अलग होकर दो महीने के लिए कंबोडिया में खुद का रेस्टोरेंट खोल लिया था, फिर मनोरथ नाम से दूसरा रेस्टोरेंट खोला। इसी के पते पर ठगी के लिए कॉलर को वीजा देकर बुलाता है। एसटीएफ ने 14 नवंबर 2024 को हरियाणा से पांच अभियुक्तों को गिरफ्तारी की। वहीं, 16 नवंबर 2024 को लखनऊ से दो लोगों को जेल भेजा था। इसके बाद तीन दिसंबर 2024 को लखनऊ से तीन और 26 दिसंबर को 2024 को लखनऊ से एक को जेल भेजा था। अबतक कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
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