अमेरिकी सीनेट ने बड़ा फैसला लिया है। मीडिया की माने तो, रूस-यूक्रेन युद्ध और पुतिन की धमकियों के बीच फिनलैंड और स्वीडन को NATO में शामिल होने को स्वीकृति दे दी है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की धमकियों के बीच स्वीडन और फिनलैंड को अमेरिकी सीनेट ने बुधवार (स्थानीय समय) को गठबंधन में शामिल होने के लिए दोनों देशों के आवेदनों को स्वीकृति दे दी है। इसके बाद दोनों देशों को नाटो में शामिल होने पर पुतिन की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है। ज्ञात हो कि, पुतिन ने पहले ही फिनलैंड और स्वीडन को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा था कि, सीमा पर विदेशी सैनिकों की तैनाती हुई तो रूस इसका जवाब देगा।
रूस-यूक्रेन युद्ध और पुतिन की धमकियों के बीच अमेरिकी सिनेट ने बड़ा फैसला लिया है। अमेरिकी सीनेट में सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ने फिनलैंड और स्वीडन को उत्तर अटलांटिक संधि संगठन में शामिल करने का समर्थन किया। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इन दोनों देशों को जल्द ही नाटो में शामिल करने का आह्वान किया। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अभी नाटो के सदस्य देशों की संख्या 30 है। पिछले तीन महीने में नाटो के आधे से ज्यादा सदस्यों ने दो समृद्ध उत्तरी यूरोपीय देशों की उम्मीदवारी का समर्थन किया है। दोनों देशों ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बीच मई में नाटो की सदस्यता के लिए आवेदन दिया था।