मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, एमसीडी में आज बजट पेश किया जाएगा। राहत यह है कि इस बार कोई नया कर नहीं लगाया जाएगा। करीब 16 हजार करोड़ रुपये के बजट में संपत्ति कर समेत अन्य किसी भी मद की दरों में कोई बदलाव नहीं होगा। उपराज्यपाल वीके सक्सेना से अनुमति मिलने के बाद नगर निगम आयुक्त अश्विनी कुमार एमसीडी पटल पर बजट रखेंगे, जिसमें वर्ष 2024-25 का संशोधित बजट अनुमान और वर्ष 2025-26 का बजट अनुमान पेश किया जाएगा। चूंकि, एमसीडी को 15 फरवरी तक कर की दरें अधिसूचित करनी हैं। इसलिए, बृहस्पतिवार की बैठक में ही कर की दरों को सदन से मंजूरी मिल जाएगी। उसके बाद के दिनों में नेता सदन और नेता प्रतिपक्ष सभी पार्षदों के साथ बजट अनुमान पर चर्चा करेंगे और 31 मार्च तक इसे मंजूरी मिल जाएगी। वैसे, एमसीडी में आप सरकार आने के बाद यह लगातार तीसरा साल होगा, जब निगम बजट की निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन किए बिना ही बजट सीधे सदन से पारित हो जाएगा। इससे पहले वर्ष 2022 में निगम चुनाव के कारण वार्ड समितियों और तदर्थ व विशेष समितियों में बजट पर चर्चा नहीं हो पाई थी। जबकि वर्ष 2023 में भी स्थायी समिति का गठन न होने के कारण नगर आयुक्त ने ही सदन में बजट पेश किया था।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इसी तरह वर्ष 2024 में वार्ड कमेटियों के साथ तदर्थ व विशेष कमेटियों का गठन नहीं होने के कारण सदन से ही बजट पारित हो गया था। इस वर्ष भी यही स्थिति है। स्थायी समिति का गठन नहीं होने के कारण इस बार भी नगर आयुक्त सीधे सदन में बजट पेश करेंगे। हालांकि इस बार वार्ड समिति तो है, लेकिन स्थायी समिति, तदर्थ व विशेष कमेटियों के साथ वैधानिक शिक्षा समिति का गठन नहीं होने के कारण सीधे सदन में बजट पेश किया जाएगा। साथ ही अंतिम समय में टैक्स की दरें अधिसूचित करने के लिए सदन की बैठक बुलानी पड़ रही है। वैसे, तय नियमों के अनुसार नगर निगम आयुक्त अश्विनी कुमार ने स्थायी समिति के सदस्यों का चुनाव न होने की स्थिति में 10 दिसंबर को निगम का बजट स्थायी समिति के पास भेज दिया था, लेकिन समिति के न होने की स्थिति में निगम ने उपराज्यपाल से नगर निगम आयुक्त द्वारा सीधे सदन में बजट पेश करने की अनुमति मांगी थी, जिसे एलजी ने मंजूरी दे दी है, जिसके बाद सदन में बजट पेश करने का रास्ता साफ हो गया है। एमसीडी ने वित्त वर्ष 2024-25 में 16,683 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था। इस साल यह बढ़कर 17 हजार करोड़ से ज्यादा हो गया है। सूत्रों के मुताबिक 17 हजार करोड़ रुपये के बजट में 4,000 करोड़ रुपये की आय का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही ट्रांसफर ड्यूटी और दिल्ली सरकार से अनुदान के तौर पर 9 हजार करोड़ रुपये की राशि तय की गई है। सूत्रों का कहना है कि पिछले साल निगम ने सफाई मद में 4,305 रुपये खर्च करने का अनुमान लगाया था, इसे बढ़ाकर 4,907 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव हो सकता है। इसी तरह शिक्षा सहायता में 2024-25 के संशोधित बजट अनुमान में 1,645 करोड़ रुपये और 2025-26 के लिए 1,663 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान हो सकता है। इसी तरह स्वास्थ्य मद में संशोधित बजट अनुमान में 1814 करोड़ रुपए का प्रावधान अनुमानित है जबकि 2025-26 के बजट अनुमान में 1832 करोड़ रुपए का प्रावधान अनुमानित है। उद्यानिकी विभाग को 2025-26 के लिए 393 करोड़ रुपए का बजट दिया जा सकता है। दिल्ली नगर निगम अपने बजट में बदलाव कर सकता है। इसमें केंद्र सरकार की तर्ज पर मदों का बंटवारा किया जा सकता है। जिसमें योजना और गैर योजना मद जैसे शब्दों को खत्म किया जा सकता है। पहले दिल्ली सरकार से अनुदान और हस्तांतरण शुल्क के अलावा किसी भी परियोजना के लिए मिलने वाली राशि को योजना मद में रखा जाता था। जबकि निगम के राजस्व को गैर योजना मद में रखा जाता था। निगम ने योजना मद को सरकारी योजना का नाम दिया है, जबकि गैर योजना मद का नाम बदलकर सिर्फ आय-व्यय का प्रावधान किया जा सकता है।
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