मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश का मौसम पछुआ के कारण शुष्क बना हुआ है। न्यूनतम व अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर है। तापमान में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी हुई है। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार, सोमवार को पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) पर्वतीय इलाकों को प्रभावित करेगा। एक चक्रवातीय परिसंचरण का क्षेत्र हरियाणा व इसके आसपास बना हुआ है। इनके प्रभाव पर्वतीय इलाकों पर बर्फबारी व मैदानी इलाकों में हल्की बूंदाबांदी की संभावना है। पर्वतीय इलाकों से आने वाली सर्द पछुआ हवा का प्रवाह प्रदेश में होने से 24 घंटे बाद न्यूनतम तापमान में गिरावट आएगी। इसके साथ ही अधिकतम तापमान में गिरावट आने से सुबह-शाम के दौरान ठंड में हल्की वृद्धि की संभावना है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मौसम विज्ञानी एसके पटेल के अनुसार, इस बार प्रदेश में व्यापक रूप से ठंड में कमी रहने का कारण पश्चिमी विक्षोभ का मजबूत नहीं होना और वर्षा की कमी रही। एक जनवरी से 16 फरवरी तक प्रदेश में सामान्य से 99 फीसदी कम बारिश हुई है। इसके कारण तापमान अपने सामान्य से ऊपर बने होने के साथ मौसम में बदलाव की स्थिति जारी है। मौसम में हो रहे बदलाव को देखते हुए किसान भाईयों को सलाह दी गई है कि गेहूं फसल के लिए पटवन का सही समय है। बीते 24 घंटों के दौरान पटना सहित 27 शहरों के न्यूनतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई। पटना का न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री वृद्धि के साथ 14.6 डिग्री सेल्सियस रविवार को दर्ज किया गया। 8.8 डिग्री सेल्सियस के साथ बांका में प्रदेश का सबसे कम न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। प्रदेश का न्यूनतम तापमान 10-16 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना रहा, जबकि पटना सहित अधिसंख्य शहरों के अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर बना रहा। पटना का अधिकतम तापमान 1.3 डिग्री वृद्धि के साथ 28.4 डिग्री सेल्सियस व 29.6 डिग्री सेल्सियस के साथ औरंगाबाद व भोजपुर में सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया।
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