6.3 करोड़ रूपए से 250-300 मीटर लंबे और 25 मीटर चौड़े घाट का किया जाएगा निर्माण: मंत्री सुश्री भूरिया

0
6

भोपाल: मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, महिला एवं बाल विकास मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया के मार्ग दर्शन में जल संसाधन विभाग द्वारा के द्वारा माही एवं मधुकन्या नदी के संगम पर अवस्थित प्राचीन श्रृंगेश्वर धाम को धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से लगभग 6.3 करोड़ रुपये का प्रस्ताव श्रृंगेश्वर घाट निर्माण सौंदर्यीकरण के लिए भेजा गया है। प्रस्ताव में जल संसाधन विभाग के माध्यम से नवीन मंदिर और प्राचीन मंदिर के मध्य लगभग 250-300 मी. लम्बा और 25 मी. चौड़ा घाट का निर्माण कर, श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था, गार्डन के साथ सुरक्षा रैलिंग बनाये जाने का प्रावधान है।

श्रृंगेश्वर धाम में बड़ी संख्या में भक्त आते हैं। धार्मिक पर्यटन की संभावना को देखते हुए मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया ने इस स्थल को संवारने के लिए ज़िला प्रशासन के माध्यम से प्रोजेक्ट बनाने के निर्देश दिए थे ।किनारे पर घाट को इस तरह से बनाया जाएगा कि माही के बैक वाटर में भी यह पूरी तरह से सुरक्षित रहे। यह किनारे की मिट्टी के कटाव को भी रोकेगा। वर्तमान में घाट की स्वीकृति जल संसाधन विभाग से अपेक्षित है।

सुश्री भूरिया ने बताया कि पेटलावद क्षेत्र के झकनावदा से करीब 5 किमी दूर स्थित श्रृंगेश्वर धाम जन-जन की आस्था का केंद्र है। यह तीर्थ स्थल माही व मधुकन्या नदी के संगम पर स्थित है और इससे पौराणिक मान्यता जुडी है। बताया जाता है कि महान संत शृंगी ऋषि के सिर पर सींग था। अनेक स्थानों पर विचरण करते हुए जब वे माही नदी के तट पर पहुंचे तो वहां स्नान करने के बाद शॄंगी ऋषि के सिर के सींग गल गए थे। तभी से इस स्थान का नाम शॄंगेश्वर धाम हो गया। यह भी कहा जाता है कि यहां पर माही नदी में स्नान करने से कई रोग दूर हो जाते हैं। इसलिए भी विशेष अवसरों पर यहां राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश सहित मध्यप्रदेश के कई दूर दराज के इलाकों से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। जन आस्था को देखते हुए ही मैंने इस स्थल को विकसित करने के लिए प्रोजेक्ट बनाने के लिए कहा था। इससे न केवल श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी, बल्कि तौर पर हमारे जिले में धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

कलेक्टर सुश्री नेहा मीना ने बताया इस प्रकार के सौंदर्यीकरण के माध्यम से धार्मिक पर्यटन के साथ ईको टुरिज्म के रूप में विकसित किया जाएगा। आगामी 2028 में उज्जैन में सिंहस्थ महाकुंभ के तहत श्रृंगेश्वर धाम को शिवलिंग के टूरिस्ट सर्किट में जोड़ने के प्रयास किये जाएंगे। प्रस्ताव व घाट का डिज़ाइन बनाने में यह कोशिश की गई कि नए मंदिर व पुराने मंदिर को आपस में जोड़ा जा सके। टूरिज्म सेक्टर से जगह की अर्थ व्यवस्था पर प्रभाव पड़ता है व रोज़गार सृजित होता है। इसी के साथ देवझिरी प्राचीन तीर्थ स्थल पर भी घाट निर्माण, सौंदर्यीकरण के कार्य विभिन्न विभागों के समन्वय के माध्यम से किये जाना प्रस्तावित है।

वर्षभर होते हैं आयोजन
श्रृंगेश्वर धाम पर गुरु पूर्णिमा महोत्सव, सोमवती अमावस्या, शनिश्चरी अमावस्या, श्रावण मास सहित कई धार्मिक आयोजन होते हैं। वर्ष 2023 में श्रृंगेश्वर धाम पर रुद्र महायज्ञ का भव्य आयोजन भी किया गया था। ब्रह्मलीन महंत काशी गिरी महाराज ने इस धाम को पूरी मेहनत व लगन के साथ स्थापित किया था। माही डैम के बैक वाटर में प्राचीन मंदिर जलमग्न हो गया। इसके बाद नए मंदिर को घाटी पर बसाया गया। यहां शिवलिंग, पंचमुखी हनुमान जी औऱ ऋषि शॄंगी, काशीगिरी और माही माता की प्राण प्रतिष्ठा की गई है।

#dailyaawaz #newswebsite #news #newsupdate #hindinews #breakingnews #headlines #headline #newsblog #hindisamachar #latestnewsinhindi

Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें

News & Image Source: khabarmasala

Google search engine

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here