मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि हरित हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन है। उन्होंने हरित हाइड्रोजन के उत्पादन में तकनीकी विकास की दिशा में सहयोग करने के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को प्रेरित किया। नई दिल्ली में आज एमएसएमई के लिए राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन अवसरों पर एक कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए श्री जोशी ने कहा कि एमएसएमई में विनिर्माण, इंजीनियरिंग के लिए महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करने और नए तकनीकी विचारों के साथ आने की क्षमता है। यह क्षमता भारत को नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में सशक्त बना सकती है। कार्यक्रम के दौरान श्री जोशी ने भारत की हरित हाइड्रोजन की प्रमाणीकरण योजना का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि यह प्रमाणीकरण योजना देश में हरित हाइड्रोजन का उत्पादन सुनिश्चित करेगी। श्री जोशी ने कहा कि भारत ने 4 लाख 12 हजार टन हरित हाइड्रोजन डेरिवेटिव के लिए जापान के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। उन्होंने कहा कि 2030 तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मंत्रालय का लक्ष्य 2030 तक इसे बढ़ाकर पांच मिलियन टन करना है।
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News & Image Source: newsonair.gov.in