रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संयुक्त राष्ट्र में व्यापक सुधारों पर बल देते हुए कहा है कि इसकी प्रणाली में कमियों से इसकी संरचना में अपर्याप्तता परिलक्षित होती हैं। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में व्यापक सुधारों और निर्णय प्रक्रिया का लोकतांत्रिकरण नहीं करने से इसकी प्रभावशीलता और प्रासंगिकता खत्म हो सकती है । श्री सिंह ने आज मास्को अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा सम्मेलन 2022 के उद्घाटन सत्र को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि भारत का आह्वान सुधारों के रूप में संयुक्त राष्ट्र को बहुस्तरीय बनाना और सुरक्षा परिषद में ऐसे सुधार करना है, जो समसामयिक वास्तविकता को परिलक्षित करता हो। उन्होंने कहा कि प्रमुख शक्तियों ने संयुक्त राष्ट्र संस्थानों में समय के अनुरूप बदलाव करने से इंकार कर दिया है और 1945 के बाद हुई उभरती भू-राजनीतिक वास्तविकता, आर्थिक और प्रौद्योगिकी प्रगति को अनदेखा किया है। श्री सिंह ने जोर देकर कहा कि सुरक्षा परिषद में विकासशील देशों को और प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए जिससे पूरे विश्व को नेतृत्व मिल सके।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर रक्षा मंत्री ने कहा कि हिंद महासागर के मध्य में होने के कारण भारत, हिंद-प्रशांत क्षेत्र के मुक्त, खुले, सुरक्षित और समावेशी बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि भारत का ध्यान हिंद महासागर में क्षेत्रीय नौवहन सहयोग पर है।
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