भारत के दो और आर्द्रभूमि स्थलों को रामसर सूची में शामिल किया गया

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भारत के दो और आर्द्रभूमि स्थलों को रामसर सूची में शामिल किया गया

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारत के दो और  स्थलों को रामसर धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया गया है। इसके साथ ही भारत में रामसर स्‍थलों की संख्‍या 91 हो गई है। राजस्थान के फलौदी में खीचन और उदयपुर में मेनार आर्द्रभूमि को रामसर स्थलों की प्रतिष्ठित सूची में जोड़ा गया है। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि यह इस तथ्‍य का एक और प्रमाण है किे पर्यावरण संरक्षण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ध्‍यान देने से हरित भविष्‍य के प्रयासों में भारत को सफलता मिल रही है।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पर्यावरण संरक्षण में भारत की निरंतर प्रगति की प्रशंसा की है। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव की सोशल मीडिया पोस्ट के जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण में भारत की प्रगति बहुत तेजी से हो रही है और इसमें जन भागीदारी भी शामिल है। रामसर सूची का उद्देश्य आर्द्रभूमि का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का विकास और अनुरक्षण करना है। यह वैश्विक जैव विविधता के संरक्षण और मानव जीवन को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। रामसर कन्वेंशन आर्द्रभूमि के संरक्षण और बुद्धिमानी से उपयोग के लिए अंतरराष्ट्रीय संधि है। इसका नाम कैस्पियन सागर पर स्थित ईरानी शहर रामसर के नाम पर रखा गया है, जहाँ 2 फरवरी, 1971 को संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे। भारत ने पहली फरवरी, 1982 को इस संधि की पुष्टि की थी।

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