मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि आज भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक आपातकाल लागू होने के 50 साल पूरे हो गए हैं। भारत के लोग इस दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाते हैं। सोशल मीडिया पोस्ट में पीएम मोदी ने कहा कि इस दिन, भारतीय संविधान में निहित मूल्यों को दरकिनार कर दिया गया, मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया, प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म कर दिया गया और कई राजनीतिक नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, विद्यार्थियों और आम नागरिकों को जेल में डाल दिया गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसा लग रहा था जैसे उस समय सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र को गिरफ़्तार कर लिया हो!
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री ने आपातकाल के दौरान अपने अनुभव के बारे में ‘द इमरजेंसी डायरीज़’ लिखी है। इस पुस्तक का आज विमोचन किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने उन सभी लोगों से सोशल मीडिया पर अपने अनुभव साझा करने का आग्रह किया है जिन्हें आपातकाल के वो काले दिन याद हैं या जिनके परिवारों ने उस दौरान कष्ट झेले हैं। पीएम मोदी ने कहा कि यह पहल 1975 से 1977 तक के शर्मनाक समय के बारे में युवाओं को जागरूक करेगी।
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