मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि देश के सतत आर्थिक विकास के लिए एक मजबूत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, एम.एस.एम.ई. तंत्र ज़रूरी है। राष्ट्रपति ने कहा कि यह देश की अर्थव्यवस्था का एक मजबूत स्तंभ है। आज नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय एम.एस.एम.ई. दिवस समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि एम.एस.एम.ई. क्षेत्र देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र का देश के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 30 प्रतिशत, विनिर्माण क्षेत्र में 36 प्रतिशत और निर्यात में 45 प्रतिशत का योगदान है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि एम.एस.एम.ई. क्षेत्र न केवल देश के सकल घरेलू उत्पाद में महत्वपूर्ण योगदान देता है, बल्कि जमीनी स्तर पर नवाचार को भी बढ़ावा देता है। उन्होंने कहा कि एम.एस.एम.ई. क्षेत्र ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करता है। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि एम.एस.एम.ई. क्षेत्र देश में कृषि के बाद दूसरा सबसे बड़ा रोजगार सृजक है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम भारतीय और वैश्विक अर्थव्यवस्था दोनों की रीढ़ हैं। उद्यमशीलता को बढ़ावा देकर, रोजगार पैदा करके और समावेशी विकास को बढ़ावा देते हुए एम.एस.एम.ई. जमीनी स्तर पर आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ा रहे हैं। दुनिया भर में एम.एस.एम.ई. की भूमिका को रेखांकित करते हुए संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2017 में 27 जून को अंतरराष्ट्रीय एम.एस.एम.ई. दिवस के रूप में नामित किया। इस वर्ष का विषय सतत विकास और नवाचार के चालकों के रूप में एम.एस.एम.ई. की भूमिका को बढ़ाने पर केंद्रित है।
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