भोपाल: मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मध्य प्रदेश में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का कार्यकाल पूरा हो गया है। अगला प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा, इसे लेकर सहमति नहीं बन पाई है। हालांकि अटकलें हैं कि अब जल्द ही किसी नाम पर मुहर लग जाएगी। इस बीच केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय में इंदौर में गुप्तगू हुई है। इसके बाद इन अटकलों को बल मिलने लगा है कि प्रदेश को जल्द ही कोई नया प्रदेश अध्यक्ष मिल सकता है। प्रदेश के बड़े नेता अपनी पसंद का भी ख्याल रखवाना जाता है। वहीं, नाम की घोषणा से पहले सीएम मोहन यादव से भी सहमति ली जाएगी।
जुलाई के पहले सप्ताह में आ रहे हैं धर्मेंद्र प्रधान
वहीं, इन अटकलों के बीच चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान जुलाई के पहले सप्ताह में भोपाल आएंगे। सूत्रों के अनुसार वह एक या दो जुलाई को आ सकते हैं। इस संगठन नेताओं के साथ प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर सहमति बनाने की कोशिश करेंगे। हालांकि अंतिम फैसला केंद्रीय नेतृत्व को लेना है। इस रेस में प्रदेश के कई बड़े चेहरे शामिल हैं। साथ ही कुछ लो प्रोफाइल नामों की भी चर्चा है। लेकिन बीजेपी हमेशा अपने फैसलों से चौंकाती है।
शिवराज और कैलाश की मीटिंग के मायने
दरअसल, शिवराज सिंह चौहान और कैलाश विजयवर्गीय अच्छे मित्र हैं। केंद्रीय नेतृत्व में कैलाश विजयवर्गीय की अच्छी पकड़ है। साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के वह भरोसेमंद हैं। कैलाश और शिवराज में इंदौर लंबी चर्चा हुई है। अटकलें हैं कि प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर एक राय बनाने पर बात हुई होगी। हालांकि दावेदारों की सूची में कैलाश विजयवर्गीय का नाम भी आता है।
डेप्युटी सीएम राजेंद्र शुक्ल का नाम भी
इसके साथ ही प्रदेश अध्यक्ष की रेस में डेप्युटी सीएम राजेंद्र शुक्ल का नाम भी है। शुक्ल संगठन और सरकार में समन्वय बनाकर चलते हैं। साथ ही निर्विवाद छवि है। हाल के दिनों में उनका दिल्ली दौरा भी बढ़ा है। कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात हुई थी।
शिवराज सिंह चौहान से नजदीकी
वहीं, राजेंद्र शुक्ल की गिनती शिवराज सिंह चौहान के करीबी नेताओं में होती है। वह लंबे समय तक शिवराज कैबिनेट में मंत्री भी रहे हैं। साथ ही विंध्य इलाके में अच्छी पकड़ है। अभी प्रदेश अध्यक्ष के पद पर ब्राह्मण ही हैं। ऐसे में यह संभावना दिख रही है कि राजेंद्र शुक्ल पर पार्टी दांव लगा सकती है।
इसके साथ ही कई अन्य चेहरे भी रेस में हैं। इनमें पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के नाम की चर्चा सबसे अधिक होती है। इसके अलावे कई सांसद भी इस रेस में हैं। माना जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में पार्टी जातीय और क्षेत्रीय समीकरण का भी ख्याल रखेगी। यह तय है कि जुलाई महीने में नए प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव हो जाएगा।
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News & Image Source: khabarmasala