विदिशा रेलवे स्टेशन पर मानव तस्करी का भंडाफोड़, 20 नाबालिग बच्चे रेस्क्यू, 6 तस्कर गिरफ्तार

0
15

विदिशा: मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मध्य प्रदेश के विदिशा रेलवे स्टेशन पर मानव तस्करी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। आरपीएफ और सोशल वेलफेयर सोसाइटी की संयुक्त कार्रवाई में 20 नाबालिग बच्चों को रेस्क्यू किया गया है। यह बच्चे बिहार के कटिहार जिले के रहने वाले हैं, और इन्हें मुंबई होते हुए सूरत ले जाया जा रहा था, जहां इनसे साड़ी फैक्ट्रियों में काम करवाया जाना था।

ऐसे हुआ बच्चों का रेस्क्यू

विदिशा सोशल वेलफेयर सोसाइटी की दीपा शर्मा ने बताया कि जानकारी मिली थी कि बड़ी संख्या में बच्चों को ले जाया जा रहा है । जानकारी के आधार पर ये कार्रवाई की गई। हमारी टीम ने आरपीएफ के साथ मिलकर रात भर स्टेशन पर निगरानी की, और सुबह करीब 5 बजे ट्रेन के पहुंचते ही कार्रवाई को अंजाम दिया गया। रेस्क्यू के दौरान कुछ तस्कर मौके से फरार हो गए, जबकि 6 आरोपी को पकड़ लिया गया है। ट्रेन का स्टॉपेज दो मिनिट का था , चेन पुलिंग कर ट्रेन को रोका गया और 34 लोगों को उतारा गया, जिनमें से 20 बच्चे नाबालिक निकले । जानकारी ये भी है कि कुछ बच्चे ट्रेन से आगे निकल चुके हैं, जिन्‍हें उज्जैन स्टेशन पर रेस्क्यू किया जाएगा।

पकड़े गए लोगों से हो रही पूछताछ

रेस्क्यू किए गए बच्चों को अब बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया जाएगा और फिर बाल संप्रेषण गृह में अस्थाई रूप से रखा जाएगा। फिलहाल जीआरपी थाना प्रभारी राजेंद्र सिंह और उनकी टीम, बच्चों को ले जाने वाले लोगों से पूछताछ कर रही है, ताकि पूरे नेटवर्क का पता लगाया जा सके।

 जानकारी के अनुसार ये सभी बच्चे बिहार के कटिहार जिले के रहने वाले हैं और इन्हें ट्रेन के ज़रिए मुंबई होते हुए गुजरात के सूरत शहर ले जाया जा रहा था। वहां इनसे साड़ी फैक्ट्रियों में जबरन मजदूरी करवाई जानी थी। विदिशा सोशल वेलफेयर सोसाइटी की प्रमुख दीपा शर्मा ने बताया कि संस्था को इन बच्चों की तस्करी की गुप्त सूचना मिली थी। सूचना के आधार पर आरपीएफ के साथ मिलकर रात भर स्टेशन पर निगरानी की गई। सुबह करीब 5 बजे जैसे ही संदिग्ध ट्रेन स्टेशन पर पहुंची टीम ने तत्काल कार्रवाई कर ट्रेन को चेन पुलिंग के ज़रिए रोका।

 कार्रवाई के दौरान कुल 34 लोगों को ट्रेन से उतारा गया जिनमें से 20 बच्चे नाबालिग पाए गए। मौके पर हड़कंप मच गया, कुछ तस्कर अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले लेकिन 6 तस्करों को गिरफ्तार कर लिया गया है। दीपा शर्मा ने आगे बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि कुछ बच्चे ट्रेन से आगे निकल चुके हैं जिन्हें उज्जैन स्टेशन पर रेस्क्यू करने की तैयारी की जा रही है। रेस्क्यू किए गए बच्चों को अब बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया जाएगा और उसके बाद अस्थाई रूप से बाल संप्रेषण गृह में रखा जाएगा। फिलहाल जीआरपी थाना प्रभारी राजेंद्र सिंह और उनकी टीम पकड़े गए तस्करों से पूछताछ कर रही है। पुलिस का कहना है कि वे पूरे तस्करी नेटवर्क का खुलासा करने के लिए हर पहलू की गहन जांच कर रही है।

मानव तस्करी क्या है (“मानव तस्करी” का अर्थ)?

मानव तस्करी एक संगठित अपराध है जिसमें लोगों को धोखे से, जबरदस्ती या लालच देकर उनका शोषण करने के लिए कहीं और ले जाया जाता है, जैसे कि जबरन मजदूरी या यौन शोषण के लिए।

“मानव तस्करी” से कैसे बचा जा सकता है?

लोगों को जागरूक बनाकर, बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखकर, और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत पुलिस या सामाजिक संस्थाओं को देकर मानव तस्करी से बचा जा सकता है।

“मानव तस्करी” की सूचना कहां दी जा सकती है?

आप 1098 (चाइल्ड हेल्पलाइन), 100 (पुलिस) या किसी भी नजदीकी थाने या सामाजिक संस्था को “मानव तस्करी” की जानकारी दे सकते हैं।

क्या बच्चों को काम पर लगाना “मानव तस्करी” में आता है?

अगर किसी नाबालिग को जबरन या धोखे से मजदूरी करवाई जा रही है, तो वह मानव तस्करी और बाल शोषण दोनों की श्रेणी में आता है।

क्या “मानव तस्करी” के लिए सज़ा का प्रावधान है?

हाँ, भारत में “मानव तस्करी” एक गंभीर अपराध है। दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास तक की सज़ा और जुर्माने का प्रावधान है।

#dailyaawaz #newswebsite #news #newsupdate #hindinews #breakingnews #headlines #headline #newsblog #hindisamachar #latestnewsinhindi

Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें

News & Image Source: khabarmasala

Google search engine

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here