मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एअर इंडिया के विमान संचालन में 100 सुरक्षा खामियों की पहचान की है। वार्षिक सुरक्षा आडिट में यह चूकें सामने आई हैं। इनमें पुरानी प्रशिक्षण पुस्तिकाएं, पायलट प्रशिक्षण की कमी, अयोग्य सिमुलेटर, उड़ान रोस्टर का प्रबंधन कर रहे प्रशिक्षित कर्मचारियों की कमी, बिखरे हुए प्रशिक्षण रिकॉर्ड और कम दृश्यता संचालन के लिए अनुमोदनों में अनियमितताएं आदि शामिल हैं। इन खामियों में से सात को डीजीसीए ने ”लेवल-वन” यानी सबसे गंभीर श्रेणी में रखा है और इन्हें 30 जुलाई तक सुधारने का अल्टीमेटम दिया गया है। शेष कमियां ऐसी हैं जिन्हें 23 अगस्त तक दूर करना आवश्यक है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, डीजीसीए ने एअर इंडिया से सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल के अनुपालन का प्रमाण प्रस्तुत करने के लिए भी कहा है। यह कार्रवाई ऐसे समय की गई है जब हाल ही में सामने आया था कि एअर इंडिया का एक विमान बिना इमरजेंसी स्लाइड के निरीक्षण के उड़ान भर रहा था। यह स्लाइड विमान की इमरजेंसी लैंडिंग या निकासी के समय सबसे अहम सुरक्षा उपकरणों में से एक होती है। 23 जुलाई को डीजीसीए ने विभिन्न उल्लंघनों के लिए एअरलाइन को तीन शो-काज नोटिस जारी किए थे और इसमें 15 दिनों के भीतर उत्तर देने का समय दिया गया था। इससे पहले, नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने राज्यसभा में बताया कि नियामक संस्था यानी डीजीसीए देशभर में समय-समय पर नियमित निगरानी, स्पाट चेक और नाइट इंस्पेक्शन करता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि एअरलाइंस सुरक्षा और रखरखाव मानकों का पालन कर रही हैं। इनके उल्लंघन की सूरत में नियमानुसार कार्रवाई की जाती है, जिसमें जुर्माना, चेतावनी या लाइसेंस निलंबन तक शामिल हैं।
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