विधानमंडल का मानसून सत्र सोमवार 11 अगस्त से शुरू हो रहा है। इस बार सत्र चार दिन ही चलने की संभावना है। विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सर्वदलीय बैठक में सत्र के सुचारु संचालन के लिए सभी दलों से सहयोग प्रदान करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से ही सदन चलता है। सकारात्मक वातावरण में तार्किक, तथ्यपरक एवं गुणवत्तापूर्ण संवाद से जनसमस्याओं का सार्थक समाधान किया जा सकता है। इस बार ‘विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश-2047’ विजन डाक्यूमेंट पर 13 अगस्त से 24 घंटे लगातार चर्चा होगी। यह डाक्यूमेंट प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विधान सभा प्रदेश के समग्र विकास की धुरी है। विगत वर्षां में विधान सभा ने पूरे देश में संसदीय कार्य प्रणाली की नजीर प्रस्तुत की है। सदन स्वस्थ चर्चा-परिचर्चा के लिए जाना जा रहा है। यह कार्य दलीय नेताओं के सहयोग से संभव हुआ है। विधान सभा में लगातार नवाचार हो रहा है। सदन में डिजिटाइजेशन, गैलरी के सुंदरीकरण, सभामंडप के नवीनीकरण जैसे विभिन्न कार्य किए गए हैं। विभिन्न राज्यों की विधानसभाओं के अध्यक्ष, संसदीय कार्य मंत्री आदि सम्मानित इन नवाचारों को देखने आते हैं। यह हमारे लिए गौरव की बात है। मुख्यमंत्री ने सत्र के सुचारु संचालन में सत्ता पक्ष के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि सदन की उच्च गरिमा और मर्यादा को बनाए रखते हुए गंभीर चर्चा को आगे बढ़ाने से लोकतंत्र के प्रति आमजन की आस्था बढ़ती है।
प्रदेश सरकार राज्य के विकास एवं जनकल्याण से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। संसदीय परंपराओं का पालन करते हुए सभी सदस्यों को अपने सुझावों एवं मुद्दों को सदन में रखना चाहिए। विधान सभा में सकारात्मक माहौल में चर्चा होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि विजन डाक्यूमेंट पर सार्थक परिचर्चा देश व प्रदेश की प्रगति का माध्यम बनेगी और उत्तर प्रदेश विधान सभा देश में राज्य की एक नई छवि प्रस्तुत कर पाएगी। यह किसी पार्टी विशेष का नहीं, बल्कि राज्य का एजेंडा है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य तीन माह में तैयार करने का है। सरकार इसे पूरी प्रतिबद्धता के साथ लागू करने का कार्य करेगी। इससे पहले मुख्यमंत्री ने विधान भवन के प्रवेश द्वार के नवीनीकृत गुंबद और नवीनीकृत अतिविशिष्ट जलपान गृह एवं विधान सभा के नवीनीकृत सभा मंडप तथा नवीनीकृत सभाकक्ष संख्या 15 का लोकार्पण किया। बैठक में सभी दलों ने सदन की कार्यवाही निर्बाध रूप से संचालन में सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया। बैठक में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पाण्डेय, अपना दल (सोनेलाल) के राम निवास वर्मा, रालोद की मिथिलेश पाल, सुभासपा के ओम प्रकाश राजभर, निषाद के रमेश सिंह, कांग्रेस की आराधना मिश्रा ‘मोना‘, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के रघुराज प्रताप सिंह तथा बसपा के उमाशंकर सिंह ने अपने-अपने दलों की ओर से पूरा सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया। कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में तय हुआ कि मानसून सत्र के दौरान कुल आठ विधेयक पेश होंगे। इनमें से चार विधेयक सोमवार को सत्र के पहले दिन रखे जाएंगे। इनमें उत्तर प्रदेश निरसन विधेयक 2025, उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2025, उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय द्वितीय (संशोधन विधेयक) 2025 व उत्तर प्रदेश मोटरयान कराधान (संशोधन) विधेयक 2025 शामिल है। इसके अलावा सोमवार को पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री एक संकल्प भी पेश करेंगे। संसद में पास जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) संशोधन अधिनियम, 2024 के संशोधनों को प्रदेश में भी अंगीकार करने का अनुरोध किया जाएगा।
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