मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि देश में अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी क्षेत्र के लिए खोलना पिछले 11 वर्षों में किया गया सबसे बड़ा सुधार है। डॉ. सिंह ने शनिवार को नई दिल्ली में दूसरे राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि इस क्षेत्र को निजी क्षेत्र के लिए खोलने से नवाचार और उद्यमिता की एक नई लहर आई है। कभी सरकारी परियोजनाओं तक सीमित रहने वाले भारत में आज सैकड़ों स्टार्ट-अप हैं जो अंतरिक्ष में खोज कार्य के साथ-सथ रोजमर्रा के शासन में इस्तेमाल होने वाली प्रौद्योगिकी के विकास में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र सुधार, प्रदर्शन और बदलाव के मंत्र के साथ आगे बढ़ रहा है। डॉ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी दुनिया ने भारत की अंतरिक्ष और प्रौद्योगिकी क्षमताओं को देखा। उन्होंने कहा कि दो वर्ष पहले भारत का चंद्रयान मिशन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा था और भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला पहला देश है। अंतरिक्ष राज्य मंत्री ने कहा कि इससे दुनिया में संदेश गया कि भारत अब आगे बढ़ चुका है और वह किसी पर निर्भर नहीं है। डॉ. सिंह ने कहा कि भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम बदलाव के चरण में प्रवेश कर चुका है जहाँ यह अब प्रतीकात्मक उपलब्धियों तक सीमित नहीं रहा बल्कि देश की वैज्ञानिक प्रगति, तकनीकी नवाचार और जन कल्याण में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष हैकाथॉन और इसरो रोबोटिक्स चैलेंज-2025 जीतने वाले छात्रों को पुरस्कार भी प्रदान किए।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में जाने वाले पहले भारतीय ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने कहा कि गगनयान मिशन, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना और अंततः चंद्रमा पर उतरना भारत की कुछ बहुत बड़ी महत्वाकांक्षाएँ हैं। उन्होंने कहा कि जापानी और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसियाँ भी इस मिशन को लेकर उत्साहित हैं। ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने कहा कि जहाँ तक अंतरिक्ष अन्वेषण का संबंध है, यह देश के लिए स्वर्णिम काल है। भारत के गगनयान मिशन की तैयारी में शामिल ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन और ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप ने भी सभा को संबोधित किया।इसरो के अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन ने कहा कि वर्ष 2040 तक भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम दुनिया के किसी भी अन्य अंतरिक्ष कार्यक्रम की बराबरी पर होगा। उन्होंने कहा कि देश में चंद्रयान-4 मिशन और वीनस ऑर्बिटर मिशन जैसे कई मिशनों पर कार्य चल रहा हैं। डॉ. नारायणन ने कहा कि भारत वर्ष 2035 तक अंतरिक्ष में भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के नाम से अपना एक अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करेगा और इसका पहला मॉड्यूल 2028 तक प्रक्षेपित हो जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने अगली पीढ़ी के लॉन्चर को भी मंज़ूरी दे दी है।
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