मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव ने कहा कि सरकार का लक्ष्य स्कूलों और कालेजों में स्वास्थ्य शिक्षा पाठ्यक्रम में आयुर्वेद को शामिल करना है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा के लिए पाठ्यक्रम माड्यूल तैयार करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं ताकि युवा पीढ़ी समग्र स्वास्थ्य के सिद्धांतों से जुड़ सके। जाधव ने कहा कि गोवा, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश जैसे कुछ राज्यों ने स्कूली शिक्षा में भारतीय ज्ञान प्रणाली को पहले ही शामिल कर लिया है। मंत्री ने हाल ही में कहा था, ”स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा के लिए पाठ्यक्रम माड्यूल तैयार करने हेतु एनसीईआरटी और यूजीसी के साथ चर्चा चल रही है।”
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, आयुर्वेद को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने के प्रयासों के बारे में जाधव ने कहा कि आयुष मंत्रालय साक्ष्य-आधारित अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) और अन्य शोध संस्थानों के माध्यम से उच्च-गुणवत्ता वाले नैदानिक परीक्षण किए जा रहे हैं। जाधव ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ साझेदारी में आयुर्वेदिक उपचारों की वैज्ञानिक विश्वसनीयता को और मजबूत करने के लिए मानक निर्धारित किए जा रहे हैं। आधुनिक चिकित्सा और भारतीय चिकित्सा पद्धतियों के बीच प्रतिस्पर्धा पर जाधव ने कहा कि हमारा लक्ष्य एक एकीकृत स्वास्थ्य सेवा माडल विकसित करना है।
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