मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने छात्रों का आह्वान किया है कि वे निर्भय होकर, मेहनत और लगन के साथ कार्य करें। वे मैसूरु में जेएसएस ऐकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन के स्नातक विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे। भगवत गीता और श्रीकृष्ण का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि फल की इच्छा किए बिना कर्म करना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने छात्रों से अपने ज्ञान का विस्तार करने और अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने को कहा।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने कहा कि कभी भी सफलता और असफलता को हृदय से नहीं लगाना चाहिए। इसके बजाय खुशी से अपना कार्य और बेहतर करने का प्रयास करना चाहिए। विवेकानंद के विचार ”उठो, जागो और तब तक न रूको, जब तक तुम अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर लेते” को दोहराते हुए श्री राधाकृष्णन ने युवाओं से आग्रह किया कि वे दूसरों से सिर्फ अच्छी चीजें ही ग्रहण करें और स्वयं की तुलना कभी भी दूसरों से न करें। उपराष्ट्रपति ने कहा कि एक व्यक्ति जितनी ही ठाकरें खाता है, उतना ही वह मजबूत होकर आगे। बढ़ता है। उन्होंने छात्रों से मोबाइल फोन की लत से बचने का आग्रह किया।
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