एनबीए के महान कोच और हॉल ऑफ फेमर लेनी विल्‍कंस का 88 साल की उम्र में हुआ निधन

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एनबीए के महान कोच और हॉल ऑफ फेमर लेनी विल्‍कंस का 88 साल की उम्र में हुआ निधन

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बास्‍केटबॉल जगत में तब शोक की लहर फैल गई है। नाइस्मिथ मेमोरियल बास्‍केटबॉल हॉल ऑफ फेम में बतौर खिलाड़ी और कोच शामिल रहे लेनी विल्‍कंस का 88 की उम्र में निधन हो गया। विल्‍कंस के परिवार ने खबर की पुष्टि की, लेकिन मौत के कारण का खुलासा नहीं किया। विल्‍कंस के निधन से एनबीएन में चार दशक से ज्‍यादा समय के उनकी यात्रा पर विराम लग गया। अपने शांत व्‍यवहार, लीडरशिप और स्‍थायी प्रभाव के लिए लोकप्रिय विल्‍कंस ने 1960 के दशक से लेकर आधुनिक युग तक खेल की पीढ़‍ियों के बीच सेतु का काम किया। उन्‍होंने कोर्ट के अंदर और बाहर अपनी शालीनता से बास्‍केटबॉल को आकार दिया। 1960 से 1975 के बीच 9 बार एनबीए ऑल-स्‍टार गार्ड विल्‍कंस को सबसे पहले खिलाड़ी के रूप में 1989 में हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया। 1998 में कोच के रूप में उनकी उपलब्धि को देखते हुए एक बार फिर हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया। उन्‍होंने 1979 में सिएटल सुपरसोनिक्‍स को एकमात्र एनबीए खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई और फिर तत्‍कालीन 1332 जीत के साथ संन्‍यास लिया। यह रिकॉर्ड एक दशक से अधिक समय तक रहा। विल्‍कंस इस समय ग्रेग पोपोविच और डोन नेल्‍सन के बाद सर्वकालिक कोचिंग जीत में तीसरे स्‍थान पर हैं। 1,077 नियमित सत्र से अधिक खिलाड़ी के रूप में खेले विल्‍कंस की औसत प्रति मैच 16.5 अंक और 6.7 अंक सहायक के रूप में रही। 1960 एनबीए ड्राफ्ट में सेंट लुई हॉक्‍स द्वारा छठे स्थान पर चुने जाने के बाद, न्यूयॉर्क के मूल निवासी ने जल्द ही खुद को लीग के सबसे दिमागी प्लेमेकरों में से एक के रूप में स्थापित कर लिया। 1967-68 सीजन में वो एमवीपी वोटिंग में विल्‍ट चेंबरलेन के बाद दूसरे स्‍थान पर रहे। इस तरह वो खेल के दिग्‍गजों में शामिल हुए।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, विल्‍कंस 1968 में सिएटल सुपरसोनिक्‍स के विस्‍तार के लिए गए और युवा फ्रेंचाइजी के दिल की धड़कन बन गए। अपने पहले ही सीजन में करियर के सर्वश्रेष्‍ठ 22.4 अंक की औसत रखने वाले विल्‍कंस शहर के खेल इतिहास के सबसे लोकप्रिय खिलाड़‍ियों में से एक बने। आगे चलकर उनकी जिम्‍मेदारी बढ़ी। उन्‍होंने कोच और खिलाड़ी की दोहरी भूमिका निभाई और 1971-72 अभियान में टीम को 47-35 की रिकॉर्ड बढ़त दिलाई। विल्‍कंस ने खिलाड़ी-कोच की भूमिका छोटे समय के लिए क्‍लेवलैंड कवाइलर्स और पोर्टलैंड ट्रेल ब्‍लेजर्स में भी निभाई। फिर उन्‍होंने संन्‍यास लेकर अपना पूरा ध्‍यान कोचिंग पर लगाया। वो सिएटल में लौटे और टीम को पावरहाउस बनाया। अपने मार्गदर्शन में विल्‍कंस ने लगातार दो बार सिएटल को एनबीए फाइनल्‍स में पहुंचाया। 1978 में वॉशिंगटन से शिकस्‍त झेलने के बाद सुपरसोनिक्‍स ने बुलेट्स पर जीत दर्ज की। अगले साल सिएटल ने अपना पहला और एकमात्र एनबीए चैंपियनशिप खिताब जीता। विल्‍कंस का कोचिंग करियर 32 सीजन तक चला। उन्‍होंने इस दौरान कवाइलर्स, एटलांटा हॉक्‍स, टोरंटो रेपटर्स और न्‍यूयॉर्क निक्‍स को बास्‍केटबॉल के गुर सिखाए। अपने शांत स्‍वभाव, तगड़ी रणनीति और टीम एकता पर जोर देने के कारण विल्‍कंस ने बतौर रणनीतिकार और मेंटर दोनों तरह लीग में सम्‍मान हासिल किया। 2021 में एनबीए ने विल्‍कंस को 75 महानतम खिलाड़ी और 15 सर्वकालिक महान कोच के रूप में सम्‍मानित किया। एनबीए कमिश्‍नर एडम सिल्‍वर ने विल्‍कंस को श्रद्धांजलि दी और उन्‍हें खेल के सबसे सम्‍मानित दूतों में से एक करार दिया। सिल्‍वर ने अपने बयान में कहा, ‘लेनी विल्‍कंस ने एनबीए का सबसे बेहतर प्रतिनिधित्‍व किया। वो खिलाड़ी के रूप में हॉल ऑफ फेमर रहे, कोच के रूप में हॉल ऑफ फेम में शामिल हुए और खेल के सबसे सम्‍मानित दूतों में से एक रहे। बास्‍केटबॉल की उपलब्धियों से ज्‍यादा प्रभावी उनका सेवा के प्रति समर्पण रहा। विशेषकर सिएटल में, जहां उनके सम्‍मान में प्रतिमा बनाई गई।’

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