मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा है कि शहरी सहकारी बैंकों को महत्वाकांक्षी युवाओं और समाज के वंचित वर्गों को सशक्त बनाने के लिए आगे आना चाहिए। आज नई दिल्ली में शहरी सहकारी ऋण क्षेत्र पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन-सहकारी कुंभ 2025 का उद्घाटन करते हुए श्री शाह ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शहरी सहकारी बैंक और ऋण समितियां संघ और शहरी संगठनों को नैतिक दिशा-निर्देश जारी करने चाहिए जिनके आधार पर प्रत्येक शहरी सहकारी बैंक अपने वित्तीय ढांचे को नया स्वरूप प्रदान करे। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि इसका उद्देश्य सहकारिता को मज़बूत करने के साथ-साथ समाज के वंचित वर्गों का उत्थान करना है।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि पांच वर्षों के भीतर दो लाख से अधिक आबादी वाले प्रत्येक कस्बे में एक शहरी सहकारी बैंक स्थापित करने का लक्ष्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना युवा पीढ़ी को सहकारिता से जोड़ने और सहकारी क्षेत्र के लिए पेशेवर तैयार करने के उद्देश्य से की गई है। श्री शाह ने कहा कि इससे एक ऐसी पीढ़ी तैयार होगी जो 2047 तक सहकारी क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने प्राथमिक कृषि ऋण समितियों-पैक्स के लिए आदर्श उप नियम बनाए हैं और इन्हें हर राज्य ने अपनाया है। उन्होंने कहा कि आज देश की सभी पैक्स इन आदर्श उप नियमों के अनुसार काम करती हैं। श्री शाह ने कहा कि इससे पैक्स के निष्क्रिय होने की संभावना काफी कम हो गई है।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि सहकार डिजी-पे और सहकार डिजिलोन ऐप छोटी शहरी सहकारी समितियों को भी डिजिटल भुगतान से जोड़ेंगे। इस अवसर पर, श्री शाह ने अमूल और इफको को अंतर्राष्ट्रीय सहकारी गठबंधन की विश्व रैंकिंग में शीर्ष दो स्थान हासिल करने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि अमूल देशभर में 3 करोड़ लीटर दूध का संग्रह करके श्वेत क्रांति को आगे बढ़ा रहा है। केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि इफको 93 लाख टन यूरिया और डीएपी का उत्पादन करके देश की हरित क्रांति का एक स्तंभ बन गया है। उन्होंने कहा कि आज इफको के नैनो डीएपी और यूरिया का निर्यात ब्राज़ील, अमरीका, ओमान और जॉर्डन सहित 40 से अधिक देशों को किया जाता है।
दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन राष्ट्रीय शहरी सहकारी बैंक और ऋण समिति संघ तथा सहकारिता मंत्रालय ने संयुक्त रूप से किया है। सम्मेलन का विषय है : सपनों का डिजिटलीकरण – समुदायों का सशक्तिकरण। इस आयोजन का उद्देश्य संवाद, नवाचार और साझा दृष्टिकोण के माध्यम से समुदायों को सशक्त बनाना और देश में वित्तीय समावेशन की सहकारी नींव को मज़बूत करना है। इसमें नीति निर्माता, सहकारी क्षेत्र के दिग्गज और विश्व ऋण संघ परिषद और ग्रीनस्टोन फार्म क्रेडिट सर्विसेज के अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं।
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News & Image Source: newsonair.gov.in



