मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गुजरात पुलिस की सीआइडी-क्राइम ने एक मानव तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ किया है और तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इन पर आरोप है कि उन्होंने लोगों को विदेशों में अच्छी नौकरी दिलाने का वादा किया और बाद में उनमें से कुछ को म्यांमार में एक साइबर अपराध गिरोह के लिए काम करने के लिए मजबूर किया। आरोपितों की पहचान सोनल, संजय और शैलेश के रूप में की है। उनके पास से तीन मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं।साइबर अपराध शाखा के अनुसार, आरोपितों और उनके सहायक एजेंटों ने कथित तौर पर विदेशों में आकर्षक डाटा-एंट्री प्लेसमेंट का लालच देकर 41 नागरिकों की तस्करी की।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इनमें से पांच पीड़ितों को म्यांमार, 15-15 को दुबई और वियतनाम और छह को मलेशिया भेजा गया। अधिकारी ने बताया, ”आरोपितों द्वारा टिकट बुक कराने के बाद पांच पीडि़तों को दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के लिए रवाना कर दिया गया। बाद में उन्हें मियाज अली और तनवीर नाम के पाकिस्तानी आकाओं को सौंप दिया गया। ये पीडि़तों के उतरते ही उनके पासपोर्ट, मोबाइल फोन और अन्य दस्तावेज जब्त कर लेते और उन्हें म्यांमार भेज देते।” पीडि़तों को म्यावाडी टाउनशिप के केके पार्क में बंधक बनाकर रखा गया और उन्हें फिशिंग, क्रिप्टो स्कैम, डेटिंग स्कैम और पोंजी स्कीम जैसे साइबर धोखाधड़ी के धंधों में धकेला गया। कैद के दौरान शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताडि़त भी किया गया।” पीडि़त म्यांमार स्थित भारतीय दूतावास के प्रयासों से लौटने में सफल रहे। इसके बाद उन्होंने पुलिस को इन एजेंटों के बारे में सूचित किया।
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