मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, यूरोपीय संघ (ईयू) ने युद्ध से यूक्रेन को हुए नुकसान की भरपाई करने की शर्त लगाते हुए शुक्रवार को रूस की 250 अरब डॉलर की जब्त की संपत्तियों को अनिश्चितकाल के लिए फ्रीज (स्थिर) कर दिया। अब ये संपत्तियां जस की तस दशा में रहेंगी। 27 देशों वाले समूह के इस निर्णय को हंगरी और स्लोवाकिया रोक नहीं पाए जबकि दोनों ही रूस के मित्र हैं। उन्होंने इस संकल्प पत्र को स्वीकार किए जाने से पहले उस पर विरोध जताया था लेकिन 25 देशों ने उसे बहुमत के आधार पर स्वीकार कर लिया। इससे पहले ईयू की इस कवायद पर रूसी सेंट्रल बैंक ने मॉस्को आर्बिट्रेशन कोर्ट में मुकदमा दायर करने की चेतावनी दी है। कहा है कि उसकी संपत्ति को गैरकानूनी तरीके से हड़पने की साजिश रची जा रही है। अगर इसके लिए कोशिश नहीं रुकी तो वह कोर्ट में बेल्जियम के खिलाफ याचिका दायर करेगा।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, ईयू ने रूस के समक्ष शर्त रखी है कि वह अपने हमलों से यूक्रेन को हुए नुकसान की भरपाई करे अन्यथा उसकी जब्त संपत्ति से यूक्रेन को सहायता दी जाएगी। लेकिन हंगरी और स्लोवाकिया ने यूक्रेन को इस तरह से सहायता देने का विरोध किया। दोनों देशों ने कहा है कि 27 देशों वाला ईयू अगर इस रास्ते पर आगे बढ़ेगा तो उसमें फूट पैदा होने का खतरा पैदा हो जाएगा। इन रूसी संपत्तियों को यूरोपीय देशों ने यूक्रेन पर रूस के हमले के विरोध में जब्त किया था। इस समय बेल्जियम की संस्था यूरोक्लियर जब्त संपत्तियों के रखरखाव की जिम्मेदारी संभाल रही है। वैसे बेल्जियम रूसी संपत्ति को बंधक बनाए जाने या उसे बेचे जाने से जुड़े खतरों को लेकर अपनी आशंका जाहिर कर चुका है। उसने इस सिलसिले में सहयोगी बड़े देशों से सुरक्षा की गारंटी की मांग की है।
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