मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस के अवसर पर शिमला के कमला नेहरू अस्पताल में राज्य स्तरीय गहन पल्स पोलियो अभियान का शुभारंभ किया। उन्होंने छोटे बच्चों को पोलियो की बूँदें भी पिलाईं। एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने अभियान के सफल आयोजन के लिए डॉक्टरों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा कार्यकर्ताओं, एएनएम, पंचायती राज संस्थाओं, स्कूल शिक्षकों और जिला प्रशासन की सराहना की। इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर मेडिकल कॉलेजों तक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत कर रही है। उन्होंने घोषणा की कि चामियाना स्थित अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशियलिटीज में एक उन्नत बाल चिकित्सा केंद्र स्थापित किया जाएगा। यह केंद्र आधुनिक सुविधाओं से लैस विश्व स्तरीय उपचार सुविधाएं बच्चों को उपलब्ध कराएगा। उन्होंने आगे कहा कि अस्पतालों में 70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष ओपीडी परामर्श स्लॉट शुरू किए जाएंगे ताकि उन्हें इंतजार न करना पड़े और उन्हें समय पर और सुविधाजनक उपचार मिल सके।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत करने के लिए विश्व स्तरीय प्रौद्योगिकी और आधुनिक अवसंरचना का विकास किया जा रहा है। चिकित्सा सेवाओं में सुधार के लिए स्वास्थ्य विभाग में सभी रिक्त पदों को चरणबद्ध तरीके से भरा जा रहा है। उन्होंने कहा कि गहन पल्स पोलियो अभियान का उद्देश्य राज्य को पोलियो मुक्त बनाए रखना है। इस अभियान के तहत, राज्य भर में 5,793 पोलियो बूथों पर शून्य से पांच वर्ष की आयु वर्ग के लगभग छह लाख बच्चों को पोलियो की बूँदें पिलाई जाएंगी। अभियान के सुचारू संचालन के लिए कुल 11,706 टीकाकरण टीमों को तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि 22 और 23 दिसंबर को अभियान चलाया जाएगा, जिसके दौरान छूटे हुए बच्चों, प्रवासी परिवारों और उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए घर-घर जाकर सर्वेक्षण किए जाएंगे। सभी आवश्यक टीके, कोल्ड-चेन उपकरण और अन्य आवश्यक सामग्री सभी जिलों को पहले ही उपलब्ध करा दी गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र में आधुनिक तकनीक को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। एक ऐतिहासिक पहल के तहत, शिमला के एआईएमएसएस चामियाना अस्पताल और कांगड़ा जिले के टांडा मेडिकल कॉलेज में रोबोटिक सर्जरी शुरू की गई है। उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेजों से सिविल अस्पतालों में पुरानी मशीनों को बदला जा रहा है। सरकार एमआरआई, सीटी स्कैन और एक्स-रे मशीनें लगाने पर लगभग 3,000 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को दिल्ली के एम्स की तर्ज पर उन्नत किया जा रहा है और मरीजों को बेहतर देखभाल प्रदान करने के लिए उन्नत सुविधाओं से लैस आधुनिक ट्रॉमा सेंटर स्थापित किए गए हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कमला नेहरू अस्पताल में मरीजों और उनके परिचारकों से बातचीत की और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी किए।
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