उत्तराखंड : सीएम धामी ने नैनीताल में ‘घोड़ा लाइब्रेरी पहाड़ पच्छयाण महोत्सव’ में भाग लिया

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उत्तराखंड : सीएम धामी ने नैनीताल में 'घोड़ा लाइब्रेरी पहाड़ पच्छयाण महोत्सव' में भाग लिया

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को नैनीताल जिले के कालाढूंगी विधानसभा क्षेत्र के कोटाबाग में आयोजित दो दिवसीय “घोड़ा लाइब्रेरी पहाड़ पच्छयाण महोत्सव” में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने क्षेत्रीय विकास के उद्देश्य से 114 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली 12 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि घोड़ा पुस्तकालय की यह पहल, जो लोक संस्कृति, पुस्तकों और प्रकृति को जोड़ती है, अत्यंत सराहनीय है। उन्होंने इसे पर्वतीय और दूरस्थ क्षेत्रों के बच्चों में पठन संस्कृति को बढ़ावा देने और शिक्षा को सुदूरतम क्षेत्रों तक पहुंचाने का एक अनूठा प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि इस पहल की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने “मन की बात” कार्यक्रम में सराहना की है।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, घोड़ा पुस्तकालय की युवा टीम और उसके प्रेरणास्रोत शुभम बधानी को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल केवल किताबें बांटने तक सीमित नहीं है, बल्कि बच्चों के सपनों को पंख देने का एक माध्यम बन गई है। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे पुस्तकों को केवल परीक्षाओं तक सीमित न रखें, बल्कि उन्हें जीवन का अभिन्न अंग बनाएं, और उन्हें सच्चे मित्र और मार्गदर्शक के रूप में वर्णित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तराखंड विकास के नए मानक स्थापित कर रहा है। शहरों से लेकर दूरदराज के गांवों तक, सड़क संपर्क, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और पेयजल सुविधाओं को मजबूत किया जा रहा है। साथ ही, राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के प्रयास भी जारी हैं। उन्होंने आगे बताया कि मानसखंड क्षेत्र के प्राचीन मंदिरों, जिनमें नैना देवी, कैंची धाम, हनुमानगढ़ी और मुक्तेश्वर धाम शामिल हैं, के जीर्णोद्धार का कार्य तेजी से प्रगति कर रहा है। इसी क्रम में, कोटाबाग के टोक भट्टाकानी स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण भी पूरा हो चुका है। शिक्षा सुधारों पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में शिक्षा प्रणाली को आधुनिक बनाने के लिए नई शिक्षा नीति लागू की गई है। सभी सरकारी स्कूलों में एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकें शुरू कर दी गई हैं और कक्षा 1 से 12 तक की पाठ्यपुस्तकें निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं। राज्य में 226 विद्यालयों को पीएम श्री विद्यालयों के रूप में विकसित किया जा रहा है, जबकि 500 ​​विद्यालयों में ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि 42,000 छात्रों को व्यावसायिक शिक्षा का लाभ मिला है और निष्पक्ष परीक्षा प्रणाली सुनिश्चित करने के लिए राज्य में देश का सबसे सख्त नकल रोधी कानून लागू किया गया है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पिछले चार वर्षों में 26,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां प्रदान की गई हैं। यूपीएससी, एनडीए, सीडीएस और इसी तरह की संस्थाओं द्वारा आयोजित परीक्षाओं में उत्तीर्ण होने वाले उम्मीदवारों को साक्षात्कार की तैयारी के लिए ₹50,000 की सहायता दी जा रही है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि राज्य सरकार गढ़वाली, कुमाओनी और जौनसारी जैसी स्थानीय भाषाओं के संरक्षण के लिए लगातार काम कर रही है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी का दौरा किया और महिला स्वयं सहायता समूहों और किसानों से बातचीत की। उन्होंने कोटाबाग के अनवलकोट स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर में भी प्रार्थना की और राज्य के लिए शांति, समृद्धि और खुशहाली की कामना की।

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