मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने 20 नवंबर को अरावली पहाड़ियों और पर्वतमाला की परिभाषा पर जारी अपने आदेश पर रोक लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश सूर्य कांत, जस्टिस जेके माहेश्वरी और एजी मसीह की छुट्टी बेंच ने अरावली की परिभाषा से जुड़े मुद्दों की जांच के लिए नई विशेषज्ञ समिति गठित करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि पहले स्वीकृत परिभाषाओं पर स्पष्टीकरण आवश्यक हैं तथा 20 नवंबर के फैसले को स्थगित रखा जाए।
आप को बता दे, कोर्ट ने केंद्र सरकार और अरावली राज्यों राजस्थान, गुजरात, दिल्ली तथा हरियाणा को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। यह स्वत: संज्ञान मामला पर्यावरणविदों और विपक्षी दलों द्वारा केंद्र की 100 मीटर ऊंचाई मानदंड वाली नई अरावली परिभाषा पर आपत्तियों के बाद उठा है। 24 दिसंबर को पर्यावरण मंत्रालय ने अरावलियों में नई खनन पट्टों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए हैं। अरावली पर्वतमाला देश के उत्तर-पश्चिमी भाग में 670 किलोमीटर लंबी है जिसकी सर्वोच्च चोटी गुरु शिखर 1722 मीटर ऊंची है तथा यह भारत की सबसे प्राचीन मोड़दार पर्वत श्रृंखला है।
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