राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति गुरबांगुली बर्दीमुहामेदो ने आज ओगुझार महल अशगबत में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की और विभिन्न क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
वार्ता के दौरान भारत और तुर्कमेनिस्तान के बीच कई समझौता ज्ञापनों पर भी हस्ताक्षर किए गए। बैठक में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों की वर्तमान स्थिति और भावी संभावनाओं पर चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर भी विचार किया। दोनों देशों ने बहुआयामी साझेदारी, आर्थिक और द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के प्रयासों को तेज करने पर भी सहमत जताई।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि भारत की वित्तीय खुफिया इकाई और तुर्कमेनिस्तान की वित्तीय निगरानी सेवा के बीच हुए प्रस्तावित समझौते से दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग का ढांचा और मजबूत होगा। अंतर्राष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारे (INSTC) और अंतर्राष्ट्रीय परिवहन तथा पारगमन समझौते के महत्व पर जोर देते हुए तुकमेनिस्तान के राष्ट्रपति ने कहा कि भारत द्वारा ईरान में निर्मित चाबहार बंदरगाह का उपयोग भारत और मध्य एशिया के बीच व्यापार में सुधार के लिए किया जा सकता है। तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति ने कहा कि उनका देश भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन ढांचे में भारत के लिए एक महत्वपूर्ण भागीदार है और दोनों देश भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन में तय की गई रूपरेखा के तहत सहयोग और बढ़ाने पर सहमत हुए हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देशों ने आपदा प्रबंधन जैसे नए क्षेत्रों की पहचान की है। इस बारे में दोनों देशों के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए है। श्री कोविंद ने कहा कि 2022-25 की अवधि के लिए संस्कृति और कला के क्षेत्र में सहयोग के लिए हुए समझौता ज्ञापन से सांस्कृतिक सहयोग को नई दिशा मिलेगी।
भारत-मध्य एशिया सांस्कृतिक सहयोग के अंतर्गत युवा शिष्टमंडल भारत भेजने के तुर्कमेनिस्तान के फैसले का स्वागत करते हुए श्री कोविंद ने कहा कि युवा मामलों के बारे में हुए समझौते से दोनों देशों के युवाओं के बीच आदान-प्रदान बढ़ेगा।
राष्ट्रपति ने परिष्कृत और विस्तारित संयुक्तराष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता और 2021-22 की अवधि के लिए सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के रूप में भारत के प्रयासों का समर्थन करने के लिए तुर्कमेनिस्तान का आभार व्यक्त किया।
अफगानिस्तान के बारे में राष्ट्रपति ने कहा निकटम पड़ोसी होने के नाते दोनों देशों का वहां की घटनाओं के प्रति चिंतित होना स्वाभाविक है। दोनों देशों ने अफगानिस्तान से संबंधित मुद्दों पर व्यापक क्षेत्रीय सहमति व्यक्त की। इन मुद्दों में अफगानिस्तान में प्रतिनिधित्वपूर्ण औऱ समावेशी सरकार का गठन, वहां आंतकवाद और नशीले पदार्थों की तस्करी से निपटना, संयुक्तराष्ट्र की केंद्रीय भूमिका, अफगानिस्तान के लोगों को तत्काल मानवीय सहयता पहुंचाना और महिलाओं, बच्चों तथा अन्य राष्ट्रीय जातीय समूहों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करना शामिल है।
दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार का विस्तार करने पर सहमति व्यक्त की। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि व्यापारी समुदाय को आपसी संबंध बढ़ाने और एक-दूसरे के नियमों को समझने तथा व्यापार और निवेश के नये क्षेत्रों की पहचान पर ध्यान देना चाहिए।
तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-भारत पाइप लाइन के बारे में राष्ट्रपति ने सुझाव दिया कि इस पाइप लाइन की सुरक्षा से संबंधित मुद्दों और प्रमुख व्यापार सिद्धांतों का समाधान तकनीकी औऱ विशेषज्ञ स्तरीय बैठकों में किया जाना चाहिए।
राष्ट्रपति अस्गावत में किपचाक मजार पर गए। उन्होंने वहां प्रार्थना की और पुष्पांजलि आर्पित की। श्री कोविंद ने स्वतंत्रता स्मारक पर एक पौधा भी लगाया।