केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज पूर्णिया, बिहार में ‘जन भावना महासभा’ को संबोधित करते हुए कहा है कि, बिहार की भूमि परिवर्तन का केंद्र रही है। अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता का आंदोलन हो या लोकतंत्र के खिलाफ जो इंदिरा जी ने आपातकाल लगाया तब जय प्रकाश नारायण जी का आंदोलन हो, ये बिहार की भूमि से ही शुरू हुआ है। उन्होंने कहा कि, आज राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती पर मैं उनको प्रणाम करता हूं। दिनकर जी की कविताओं ने आजादी के आंदोलन को धार दी साथ ही उनकी लेखनी ने भारतीय संस्कृति को भी मजबूती प्रदान करने का काम किया।
अमित शाह ने कहा कि, आज में बिहार की इस विराट सभा से लालू जी और नीतीश जी दोनों से कहना चाहता हूं कि आप जो ये दल-बदल बार-बार करते हो, तो ये धोखा किसी पार्टी के साथ नहीं है, बल्कि ये धोखा बिहार की जनता के साथ है। उन्होंने कहा कि, हम स्वार्थ और सत्ता की राजनीति की जगह सेवा और विकास की राजनीति के पक्षधर हैं। प्रधानमंत्री बनने के लिए नीतीश बाबू ने पीठ में छुरा भोंक कर आज आरजेडी और कांग्रेस की गोद में बैठने का काम किया।
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