राजभवन विद्यार्थियों की खुशियों से आज महक उठा। विद्यर्थियों ने राजभवन के उपवन, सांदीपनि सभागार, पंचतंत्र वन, उद्यान, ओपन जिम, दरबार हॉल और अन्य स्थानों का भ्रमण किया और राज भवन से संबंधित जानकारियाँ प्राप्त कीं। बच्चों की जिज्ञासु प्रवृत्ति ने राजभवन के अधिकारियों, कर्मचारियों को बहुत अधिक प्रभावित किया। छात्र-छात्राओं के दो दलों ने राजभवन का भ्रमण किया। पहले दल में नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय बालक विद्यालय सीहोर के टैगोर छात्रावास के 58 रहवासी बच्चों ने राजभवन का भ्रमण किया। भारतीय सांस्कृतिक सम्बंध परिषद के दूसरे दल में 8 देशों नेपाल, बांग्लादेश, तंजानिया, थाईलैंड, सूडान, केन्या, अफगानिस्तान और नाइजीरिया के 33 छात्र-छात्राएं शामिल थे।
राजभवन का विभिन्न देशों से आए छात्र-छात्राओं ने भ्रमण किया। नेपाल से आई छात्रा ने बताया कि राजभवन के धन्वंतरि उद्यान में आयुर्वेद विज्ञान को समझना और उसके ज्ञान का लाभ दुनिया भर में पहुँचाना गर्व का विषय है। उन्होंने बताया कि कोविड समय में अपनी मातृभूमि से दूर होने पर भी छात्रों को घर से दूरी का एहसास नहीं हुआ है।
पं. खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद महाविद्यालय में पढ़ रही अफगानिस्तान से आई छात्रा मसूद नूरी ने बताया कि भारतवासी और यहाँ की परंपराओं ने उन्हें घर की कोई कमी महसूस नहीं होने दी। भारतीयों के उदार स्वभाव के प्रति उसने आभार व्यक्त किया। चित्रकला की पढ़ाई कर रही नूरी ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि राजभवन आकर बहुत प्रफुल्लित हुई। नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय में पढ़ रहे केन्या के छात्र अब्दुल्ला ने कहा कि भारत में उनके लिए भाषा-अवरोध (लैंग्वेज बैरियर) कभी नहीं हुआ। भारतीय सहपाठियों ने उनका मार्गदर्शन किया।
राजभवन में पधारे विद्यार्थियों का नियंत्रक राजभवन श्रीमती सुरभि तिवारी ने आभार व्यक्त किया और विद्यार्थियों से कहा कि राजभवन भ्रमण के दौरान प्राप्त अनुभवों और जानकारियों से प्रेरणा लेकर अपने जीवन में आगे बढ़े। उन्होंने बच्चों का अभिनंदन किया उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं।