वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि देश का विभिन्न जिन्सों का निर्यात चार खरब 18 अरब अमरीकी डॉलर को पार कर गया है। कल नई दिल्ली में वित्तीय वर्ष 2021-22 में हुए निर्यात के ऐतिहासिक आंकडों की जानकारी मीडिया को देते हुए श्री गोयल ने कहा है कि यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में महत्वपूर्णं उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के प्रत्येक क्षेत्र किसान, उद्यमी, छोटे उद्योग और राज्य सरकारों ने एक साथ मिलकर यह लक्ष्य हासिल किया है।
श्री गोयल ने कहा कि अकेले मार्च महीने में चालीस अरब डॉलर मूल्य का निर्यात हुआ। यह किसी एक महीने में सर्वाधिक निर्यात का रिकॉर्ड है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर भारत सही अर्थों में लोकल से ग्लोबल हो गया है। उन्होंने भरोसा जताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था कई रिकॉर्ड तोड़ने की दहलीज पर है। सरकार निर्यात के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और जिला स्तर पर निर्यात सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए जिला निर्यात केन्द्र पहल पर काम कर रही है। श्री गोयल ने कहा कि वर्ष 2021-22 का निर्यात परिदृश्य दिखाता है कि भारत की विनिर्माण क्षमता हाइटेक उत्पाद, इलेक्ट्रॉनिक्स और कृषि उपज में भी बढ़ रही है।
वाणिज्य मंत्री ने कहा कि 2019-20 के दौरान गेहूं का निर्यात मात्र दो लाख टन था जो 2020-21 में बढकर 21 लाख 55 हजार टन पर पहुंच गया। श्री गोयल ने कहा कि भारत जरूरतमंद देशों को बडे पैमाने पर गेहूं का निर्यात जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022-23 में गेंहूँ का निर्यात एक करोड़ टन तक पहुंचने की संभावना है। उन्होंने कहा कि अधिक कृषि निर्यात भारतीय किसान की यह क्षमता दर्शाता है कि वे एक सौ 35 करोड़ आबादी की आवश्यकता पूरी कर सकते हैं और अतिरिक्त उत्पादन दुनिया को निर्यात कर सकते हैं।
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