राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज बेंगलुरु में हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के एकीकृत क्रायोजेनिक इंजन निर्माण संयंत्र का उद्घाटन किया है। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में दक्षिणी क्षेत्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान की आधारशिला भी रखी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत विश्व में क्रायोजेनिक इंजन का स्वदेश में निर्माण करने वाला छठा देश बन गया है। क्रायोजेनिक इंजन का इस्तेमाल भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन-इसरो के उपग्रह प्रक्षेपण में किया जाता है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने देश को आत्मनिर्भर बनाने में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन – इसरो और हिन्दुस्तान एरोनोटिक्स लिमिटेड – एचएएल की भूमिका की सराहना की। उन्होंने वैज्ञानिकों का आह्वान किया कि वे अमृतकाल समय में देश को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि भूतपूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम ने देश में ही चीजों का उत्पादन कर देश को आत्मनिर्भर बनाने का रास्ता दिखाया। जिस तरह से कोरोना की रोकथाम के लिए स्वदेश में ही टीके बनाने का प्रयास किया गया और सबसे बडा टीकाकरण अभियान चलाया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि अनुसंधान और विकास कार्य निरन्तर जारी रहने चाहिए। कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई, केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री डॉक्टर भारती प्रवीण पवार और कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर के सुधाकर इस अवसर पर मौजूद थे।
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