मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने आज विजयदशमी पर्व पर कहा है कि- यह सही है कि जनसंख्या जितनी अधिक उतना बोझ ज़्यादा। उन्होंने बताया कि जनसंख्या का ठीक से उपयोग किया तो वह साधन बनता है। हमको भी विचार करना होगा कि हमारा देश 50 वर्षों के बाद कितने लोगों को खिला और झेल सकता है। इसलिए जनसंख्या की एक समग्र नीति बने और वह सब पर समान रूप से लागू हो। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि, रोज़गार मतलब नौकरी और नौकरी के पीछे ही भागेंगे और वह भी सराकरी। अगर ऐसे सब लोग दौड़ेंगे तो नौकरी कितनी दे सकते हैं? उन्होंने कहा कि, किसी भी समाज में सराकरी और प्राइवेट मिलाकर ज़्यादा से ज़्यादा 10, 20, 30 प्रतिशत नौकरी होती है। बाकी सब को अपना काम करना पड़ता है।
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