प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयों को राष्ट्र को समर्पित किया है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि- भारत के सामान मानव के जीवन को आसान बनाने के लिए जो अभियान चल रहा है, डिजिटल बैंकिंग इकाइयां उस दिशा में एक और बड़ा कदम है। ये एक ऐसी विशेष बैंकिंग व्यवस्था है जो कम से कम इंफ्रास्ट्रक्चर में अधिक से अधिक सेवा देने का काम करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर बताया कि, ये सेवाएं पहले से कहीं ज्यादा आसान होंगी। इनमें सुविधा होगी और एक मजबूत डिजिटल बैंकिंग सुरक्षा भी होगी। गांव और छोटे शहर में जब कोई डिजिटल बैंकिंग यूनिट की सेवाएं लेगा तो उसके लिए पैसे भेजन से लेकर लोन लेने तक सबकुछ आसान और ऑनलाइन हो जाएगा। उन्होंने यहाँ कहा कि,हमने बैंकिग सेवाओं को दूर-सुदूर में घर-घर तक पहुंचाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। आज भारत के 99% से ज्यादा गांवों में पांच किमी के अंदर कोई न कोई बैंक ब्रांच, बैकिंग आउटलेट या बैंकिंग मित्र मौजूद है। पीएम मोदी ने कहा कि, हमारी सरकार का लक्ष्य भारत के सामान्य मानवी को सशक्त करना है उसको ताकतवर बनाना है। उन्होंने कहा कि- आज देश में हर एक लाख वयस्क आबादी पर जितनी बैंक शाखाएं मौजूद हैं, वो जर्मनी, चीन और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों से भी ज्यादा है। हम सामान्य मानवी के जीवन स्तर को बदलने का संकल्प लेकर दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। हमारा संकल्प व्यवस्थाओं में सुधार और पारदर्शिता लाने का है। पीएम मोदी ने बताया कि,जब हमने जन-धन अकाउंट की मुहिम शुरू की तब आवाजें उठीं कि गरीब बैंक खाते का क्या करेगा। यहां तक की इस फील्ड के कई एक्सपर्ट इस अभियान का महत्व नहीं समझ पा रहे थे। लेकिन बैंक खाते की ताकत क्या होती है, ये आज पूरा देश देख रहा है।
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