लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के दूसरे हाथी रिजर्व, तराई हाथी रिजर्व (टीईआर) के लिए एक अधिसूचना जारी की है, जो चार जिलों में फैले 3,072 वर्ग किलोमीटर भूमि पर बनाया जाएगा। इस परियोजना को मई में केंद्र से मंजूरी मिल गई थी। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पीलीभीत टाइगर रिजर्व अब सिर्फ बाघों के लिए ही नहीं बल्कि हाथियों के लिए भी पहचाना जाएगा। तराई के जंगलों में अब बाघों के साथ हाथियों का भी प्राकृतिक संरक्षण होगा। केंद्र सरकार के बाद गुरुवार को प्रदेश सरकार ने भी तराई एलिफैंट रिजर्व की स्थापना को मंजूरी दे दी। इससे यहां पर अब पर्यटकों की संख्या दोगुनी होने की भी उम्मीद लगाई जा रही है। मीडिया की माने तो पीलीभीत एलिफैंट रिजर्व प्रदेश का दूसरा और देश का 33वां एलिफैंट रिज़र्व होगा, जिसमें टाइगर रिजर्व का बहुत बड़ा हिस्सा इसके लिए संरक्षित किया गया है।
मीडिया सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार ये हाथी रिजर्व टीईआर लखीमपुर खीरी, बहराइच, पीलीभीत और शाहजहांपुर में फैला होगा। इसमें दुधवा टाइगर रिजर्व (डीटीआर), पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर) और दक्षिण खीरी वन प्रभाग के गोला और मोहम्मदी रेंज शामिल हैं। टीईआर देश में क्षेत्रफल के लिहाज से आठवां सबसे बड़ा हाथी रिजर्व होगा।
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