देश के दूसरे कद्दावर प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री साफ-सुथरी छवि के व्यक्ति थे। जितनी सादगी उनके व्यक्तित्व में थी उतनी ही उनकी भाषा भी मीठी थी। मीडिया सूत्रों के हवाले से सामने आई जानकारी के आधार पर, पंडित जवाहर लाल नेहरू के देहांत के बाद शास्त्री जी करीब डेढ़ साल भारत के प्रधानमत्री रहे। उसके बाद उनकी रहस्यमयी तरीकों से मौत हो गई। आसान नहीं थी पंडित नेहरू के बनाए गए छवि को मैच करना। नेहरू का कद इतना बड़ा था कि उसे हर कोई उस कद को मैच कर सके। लेकिन लाल बहादुर शास्त्री बखूबी अपनी काबिलियत को दुनिया के सामने साबित किया। यह अलग बात है कि पीएम रहते ही उनकी मौत हो गई और ये हमारे देश का दुर्भाग्य था। 11 जनवरी यानी आज ही दिन उज़बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में उनकी मौत हुई थी।
लाल बहादुर शास्त्री। जब भी यह नाम आता है, सामने एक ही तस्वीर आती है। छोटा कद, साफ-सुथरी छवि और सादगी वाला व्यक्तित्व। लाल बहादुर शास्त्री करीब डेढ़ साल प्रधानमंत्री रहे। उन्होंने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के निधन के बाद प्रधानमंत्री का पद संभाला था। यह आसान नहीं था। नेहरू का कद इतना बड़ा था कि उसे हर कोई ‘मैच’ नहीं कर सकता था। यह देश के लिए बड़ा दुर्भाग्य था। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, 1966 में आज ही के दिन ताशकंद में उन्होंने अंतिम सांस ली थी।
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