प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वायस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि, विश्व के विकासशील और कम विकसित देशों को विकास की धारा से अलग नही रखा जा सकता। आज वर्चुअल माध्यम से आयोजित वायस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट के उद्घाटन सत्र में पीएम मोदी ने कहा कि कम विकसित और विकासशील देशों की भविष्य में सबसे बडी भागीदारी है। उन्होंने कहा कि दुनिया की तीन चौथाई जनसख्ंया इन्हीं देशों में रहती है और उनकी आवाज को भी समान महत्व दिया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि अधिकतर चुनौतियां कम विकसित देशों ने नहीं खडी की है लेकिन इनका प्रभाव इन्हीं देशों पर पडता है। उन्होंने कहा कि इस प्रभाव को हमने कोविड महामारी, जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और यूक्रेन संघर्ष में देखा है। श्री मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा अपने विकास से जुडे अनुभवों को विकासशील देशों के साथ साझा किया है। उन्होंने कहा कि दुनिया के सभी क्षेत्रों में हमारे विकास के साझीदार है। इस संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कोविड महामारी के दौरान सौ से अधिक देशों को भारत की ओर से दवाइयां और वैक्सीन दिए जाने का उल्लेख किया।
मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पीएम मोदी ने आगे बताया कि, ग्लोबल साउथ समिट का आयोजन भारत ने किया है। इस शिखर सम्मेलन के माध्यम से विकसित देशों के दक्षिण में स्थित कम विकसित और विकासशील देशों के दृष्टिकोण और प्राथमिकताओं को साझा करने का मंच प्रदान किया गया है। 120 से अधिक देशों को इस सम्मेलन में आमंत्रित किया गया है।
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