रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि प्रतिकूल और अनिश्चित अंतरराष्ट्रीय माहौल के बावजूद, भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। आज दुबई में एक आर्थिक सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की वित्तीय प्रणाली मजबूत और स्थिर बनी हुई है और बैंकों द्वारा दिये जाने वाले कर्ज में वृद्धि दोहरे अंकों में रही है। उन्होंने स्वीकार किया कि मुद्रास्फीति की दर ऊंची बनी हुई है। हालांकि उन्होंने कहा कि नवंबर और दिसंबर 2022 के दौरान इसमें कमी आई है।
चालू खाता घाटे का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान चालू खाता घाटे और सकल घरेलू उत्पाद के बीच औसत अनुपात तीन दशमलव तीन प्रतिशत था। उन्होंने कहा कि देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मजबूत है और जुलाई 2022 से विदेशी पोर्टफोलियो निवेश फिर से शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार संतोषजनक है। उन्होंने कहा कि भारत पर विदेशी कर्ज का अनुपात अंतरराष्ट्रीय मानकों से कम है।
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