मप्र : प्रदेश में अनुकंपा नियुक्ति के लिये पुत्रियों को भी समान अधिकार का निर्णय

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आवासहीन एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के हित के लिए सुराज नीति-2023 का अनुमोदन
मुख्यमंत्री श्री चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में कल मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा निर्णय लिया गया कि स्वर्गीय आर. एस. राठौर, अपर संचालक, आर्थिक एवं सांख्यिकी की कोरोना संक्रमण के कारण 19 अप्रैल 2021 को मृत्यु हो जाने के फलस्वरूप उनकी विवाहित पुत्री श्रीमती श्रद्धा मालवी को पात्रता न होते हुए भी मानवीय आधार एवं उच्च न्यायालय, खण्डपीठ इन्दौर के निर्णय के अनुक्रम में विशेष प्रकरण मानते हुए अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाये।

सामान्य प्रशासन विभाग जारी अनुकंपा संबंधी आदेश 29 सितम्बर 2014 के प्रावधानों में मंत्रि-परिषद द्वारा यह नीतिगत निर्णय भी लिया गया कि अनुकंपा नियुक्ति के लिये पुत्र एवं पुत्री दोनों को समान अधिकार हैं, चाहे पुत्रियाँ विवाहित ही क्यों न हों। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग नीति में आवश्यक संशोधन करें।

आवासहीन एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के हित में सुराज नीति-2023 का अनुमोदन

मंत्रि-परिषद ने य मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दवारा की गई घोषणा के अनुसार जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण से मुक्त कराई गई शासकीय भूमि का स्वयं संसाधन के रूप में समुचित उपयोग करते हुए आवासहीन, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ई.डब्ल्यू.एस.) के लिए सुराज कॉलोनी में आवास निर्माण मय आवश्यक अधो-संरचना कार्यों तथा सामुदायिक सुविधाओं के निर्माण किये जाने का निर्णय लिया। सुराज कालोनी निर्माण हेतु उचित वित्तीय संसाधन जुटाने तथा शहरी क्षेत्र के उक्त भूखंडों का सुसंगत एवं योग्य घनत्व से विकास सुनिश्चित करने के लिए पुनर्घनत्वीकरण नीति-2022 की तर्ज पर “शासकीय भूमियों के अतिक्रमण से मुक्त कराने के बाद उपलब्ध हुई भूमि पर आवासहीन, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ई.डब्ल्यू.एस.) के लिए आवास निर्माण हेतु सुराज नीति-2023 का मंत्रि-परिषद द्वारा अनुमोदन किया। छोटे शहरों में मल्टी स्टोरी के स्थान पर 450 वर्ग फीट तक के आवासीय पट्टे भी कॉलोनी विकसित कर दिए जा सकेंगे।

विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय कार्यक्रम

मंत्रि-परिषद द्वारा पशुपालन एवं डेयरी विभाग में वर्ष 2022-23 में “मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना’’ में 150 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान किया गया है। राज्य की विशेष पिछड़ी जनजाति विशेषकर बैगा जनजाति को पशुपालन से जोड़ने के लिए पायलट प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन करने एवं इसमें हितग्राहियों को दुधारू पशु प्रदाय करने के लिए मुख्यमंत्री दुधारू गाय प्रदाय कार्यक्रम को पशुपालन विकास योजना में सम्मिलित किया गया था। कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य की विशेष पिछड़ी जनजातियों को पशुपालन से जोड़ कर रोजगार के नवीन अवसर उपलब्ध कराना है। कार्यक्रम के क्रियान्वयन के बाद राज्य की विशेष पिछड़ी जनजातियों को रोजगार के नवीन अवसर प्राप्त होंगे। साथ ही दूध के रूप में संपूर्ण पोषण आहार प्राप्त होगा। पशुपालन एवं डेयरी विभाग अंतर्गत पूर्व में मंत्रि-परिषद से स्वीकृत मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना में समाहित विशेष पिछड़ी जनजातियों हेतु स्वीकृत घटक “मुख्यमंत्री दुधारू गाय प्रदाय कार्यक्रम” में संशोधन किए गए हैं। अब इस योजना में मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय कार्यक्रम में बैगा जनजाति के साथ सहरिया और भारिया विशेष पिछड़ी जनजातियों को भी शामिल किया गया। कार्यक्रम में दुधारू गाय की इकाई के साथ दुधारू भैंस की इकाई को भी शामिल किया गया। कार्यक्रम में दुधारू गाय के साथ दुधारू भैंस को भी सम्मिलित करने के परिप्रेक्ष्य में योजना का नाम “मुख्यमंत्री दुधारू गाय प्रदाय कार्यक्रम” के स्थान पर “विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय कार्यक्रम’’ किया गया।

पंप हाइड्रो स्टोरेज परियोजना

मंत्रि-परिषद ने राज्य में गत वर्ष से लागू नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा नीति-2022 में स्टोरेज आधारित परियोजनाओं के विकास को मान्य किया। इसी कड़ी में मंत्रि-परिषद द्वारा पंप हाईड्रो स्टोरेज परियोजनाओं के क्रियान्वयन तथा निविदा प्रक्रिया सम्पादित करने का निर्णय लिया। इस निर्णय से नवकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं से प्राप्त ऊर्जा की निरंतरता और अधिक सुनिश्चित होगी तथा ग्रिड स्थायित्व में भी लाभ होगा। राज्य में पंप हाइड्रो परियोजनाओं के विकास के लिए नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा प्रस्तावित योजना को अनुमोदन प्रदान करते हुए विस्तृत दिशा-निर्देशिका बनाने/संशोधन/ स्पष्टीकरण दिए जाने के लिए विभाग को अधिकृत किया गया।

स्टेट डाटा सेंटर के विस्तार के लिए 161 करेाड़ 95 लाख की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद द्वारा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित साधिकार समिति की अनुशंसा अनुसार स्टेट डाटा सेंटर के विस्तार, संचालन एवं नवीन डिजास्टर रिकवरी साइट की नेशनल डाटा सेंटर भुवनेश्वर में स्थापना तथा वर्तमान में स्थापित हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर को Augment करने के लिए कुल परियोजना व्यय 161 करोड़ 95 लाख रूपये का अनुमोदन किया गया।

प्रदेश में विभिन्न विभागों के डाटा होस्टिंग एवं डाटा प्रबंधन की समेकित, सुरक्षित एवं अबाधित व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना में भोपाल में स्टेट डाटा सेंटर की स्थापना वर्ष 2012 में की गई है। इस सेन्टर से राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के डाटा संधारित करते हुए आईटी एप्लीकेशन्स के लिए होस्टिंग सेवाएँ प्रदान करना सुनिश्चित किया जा रहा है। साथ ही नवीन डिजास्टर रिकवरी साईट की स्थापना नेशनल डाटा सेंटर भुवनेश्वर में की जाना है, जो co-location मोड में रहेगा। इस पर तकनीकी नियंत्रण MPSEDC का रहेगा। स्टेट डाटा सेंटर को 3 हजार कोर CPU, 1024 TB स्टोरेज तथा 6 स्मार्ट रैक की क्षमता के साथ अद्यतन किया जा रहा है। स्टेट डाटा सेंटर के अद्यतिकरण से यह नवीनतम टेक्नोलॉजी, उच्च क्षमता, क्लाउड ऑटोमेशन तकनीक के साथ कम जगह में स्थापित होगा एवं विभागों को और अधिक तकनीकी क्षमता के साथ स्टेट डाटा सेन्टर की सेवाएँ उपलब्ध होंगी।

हाई कोर्ट के परीक्षा सेल के लिए 20 पदों का सृजन

मंत्रि-परिषद द्वारा उच्च न्यायालय के प्रस्ताव अनुसार उच्च न्यायालय, जबलपुर के परीक्षा सेल के लिए 20 पदों का सृजन किए जाने की स्वीकृति दी। इन पदों मे एडीशनल रजिस्ट्रार, असिस्टेंट रजिस्ट्रार, पर्सनल असिस्टेंट, स्टेनोग्राफर, एकाउन्टेंट, ट्रान्सलेटर, सिस्टम एनॉलिस्ट, कम्प्यूटर प्रोग्रामर, सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर, कन्सोल ऑपरेटर, टेलीफोन ऑपरेटर, ड्रायवर और भृत्य के पद सम्मिलित है।

अन्य निर्णय

मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश में नर्सिंग महाविद्यालयों एवं स्कूलों की बढ़ती संख्या तथा नर्सिंग विद्यार्थियों की वृद्धि को देखते हुए मध्यप्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन कौंसिल के दायित्वों के सुचारू संचालन के लिए 37 नवीन पद के सृजन की स्वीकृति प्रदान की गई।

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