प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए कहा है कि, बीते दशकों में अनेक बुद्धिजीवियों ने इस सदन से देश को दिशा दी है, देश का मार्गदर्शन किया है। इस देश में जो भी बात होती है उसे देश बहुत गंभीरता से सुनता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोगों का व्यवहार और वाणी न केवल सदन, बल्कि देश को निराश करने वाली है। उन्होंने कहा कि, इस प्रकार की वृति वालों को मैं यही कहूंगा- कीचड़ उसके पास था, मेरे पास गुलाल, जो भी जिसके पास था उसने दिया उछाल… जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही खिलेगा। उन्होंने बताया कि, जनधन, आधार और मोबाइल… ये वो त्रिशक्ति है, जिससे पिछले कुछ वर्षों में 27 लाख करोड़ रुपये DBT के माध्यम से सीधा हितधारकों के खातों में गए हैं। इससे 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक रुपया… जो किसी इको-सिस्टम के हाथों में जा सकता था वो बच गया। अब जिनको ये पैसा नहीं मिल पाया, उनका चिल्लाना स्वाभाविक है।
News & Image Source : (Twitter) @BJP4India
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