दुनिया के सबसे लंबे नदी क्रूज एमवी गंगा विलास के पर्यटकों ने आज असम के ग्वालपाड़ा ज़िले में श्रीसूर्य पहाड़ को देखा। यह पहाड़ हिंदू, बौद्ध और जैन धर्म के देवी-देवताओं की मिट्टी और पत्थरों से बनी मूर्तिकला के लिए प्रसिद्ध है। यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित, राष्ट्रीय महत्व का पर्यटन-स्थल है। पर्यटकों में स्विटजरलैंड के 26 और जर्मनी के दो नागरिक शामिल हैं। पर्यटकों ने श्रीसूर्य पहाड़ स्थित बौद्ध मठ, स्तूप, पत्थर की गुफाओं के उत्खनन-स्थल और दशभुजा मंदिर को भी देखा। पर्यटकों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों और हस्तकला प्रदर्शनी का आनंद भी लिय़ा।
कल सुबह, यह क्रूज रेशम के लिए मशहूर कामरूप जिले के सुआलकुची पहुंचेगा। सुआलकुची को ‘मैनचेस्टर ऑफ ईस्ट’ भी कहा जाता है। यह बुनकरों का गांव है जो गुवाहाटी से 35 किलोमीटर दूर है।
इससे पहले, कल शाम एमवी गंगा विलास क्रूज धुबरी टर्मिनल से ग्वालपाड़ा पहुंचा। यह असम में 13 दिन तक रुकेगा और 1 मार्च को डिब्रूगढ़ में यात्रा की समाप्ति से पूर्व इसका ठहराव गुवाहाटी, काजीरंगा और माजुली में पांडु बंदरगाह पर होगा।
विदित हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 जनवरी, 2023 को उत्तरप्रदेश के वाराणसी से क्रूज को रवाना किया था। गंगा विलास बिहार, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश से होकर गुजर चुका है।
News & Image Source : newsonair.gov.in
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