केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा है कि पिछले आठ वर्षों में स्वास्थ्य के प्रतिमानों में रचनात्मक बदलाव आया है, जो अब स्वास्थ्य से आरोग्य और खुशहाली में बदल गए हैं। वे आज नई दिल्ली में औषधि और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र के बारे में सातवें अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन भारतीय फार्मा विजन 2047 पर एक परिचर्चा में हिस्सा ले रहे थे। उन्होंने आने वाले वर्षों में औषधियों और नैदानिक सुविधाओं में समानता और पहुंच पर केन्द्रित अनुसंधान सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया। आयुष्मान भारत कार्यक्रम के चार स्तम्भों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि सरकार इस वर्ष के अन्त तक देशभर में करीब डेढ लाख आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और आरोग्य केन्द्र संचालित करने की योजना बना रही है।
इस अवसर पर फार्मास्युटिकल विभाग की सचिव एस अपर्णा ने इस बात पर बल दिया कि फार्मा क्षेत्र में भारत को लागत, गुणवत्ता और आकार के तीन लाभ प्राप्त हैं, जिन्हें और बढाने की आवश्यकता है। उन्होंने देश में गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाओं का उत्पादन बढाने की आवश्यकता पर बल दिया।
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