भारत के प्रस्ताव और प्रयासों के बाद संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को ‘इंटरनेशनल मिलेट ईयर’ घोषित किया है। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 18 मार्च को नई दिल्ली में आयोजित ग्लोबल मिलेट्स कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन किया था और डाक टिकट और सिक्के का अनावरण भी किया था। पीएम मोदी ने कहा था कि भारत मोटे अनाज या अन्न को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयासरत है। उन्होंने मोटे अनाज को प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों में और रसायनों एवं उर्वरकों का इस्तेमाल किए बिना आसानी से उगाये जाने की बात कही थी। इसके बाद अब भारतीय सेना के खानपान में भी इस पारंपरिक अनाज को शामिल किया गया है। मीडिया के अनुसार, सेना ने करीब 50 साल बाद सैनिकों के राशन में देसी और पारम्परिक अनाज को शामिल किया है। सैनिकों को दिए जाने वाले राशन में अब बाजरे के आटे की शुरुआत की गई है। नॉर्दन बॉर्डर पर तैनात सैनिकों को मिलेट के आइटम और उससे बने स्नैक्स दिए जाने पर जोर दिया जा रहा है।
मीडिया सूत्रों की माने तो, भारतीय सेना के जवानों को आने वाले समय में राशन में मिलेट्स मिलेंगे। ऐसा इसलिए, क्योंकि बुधवार (22 मार्च, 2023) को सेना की ओर से बताया गया, “यूनाइटेड नेशंस की ओर से साल 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स घोषित किए के बाद हमने मोटे अनाज की खपत को बढ़ावा देने के लिए फौजियों के राशन में श्री अन्न वाले आटा की शुरुआत कर दी है। यह फैसला सुनिश्चित करेगा कि सैनिकों की टुकड़ियों को लगभग आधी सदी (50 साल) के बाद देसी और परंपरागत अनाज मिलें, जो कि गेहूं वाले आटा के चलते देना बंद कर दिए गए थे।” मीडिया के अनुसार, जारी किए गए सेना के बयान में यह भी कहा गया, “साल 2023-24 से सैनिकों को दिए जाने वाले राशन में अनाज की अधिकृत पात्रता के 25% से अधिक न होने वाले बाजरे के आटे की खरीद के लिए सरकार की मंजूरी मांगी गई है।
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