ओपेक प्लस देशों ने अचानक से भारी मात्रा में तेल उत्पादन में कटौती की घोषणा की है। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारत अपनी जरूरतों का 80 फीसदी से भी ज्यादा कच्चा तेल आयात से ही पूरा करता है। सऊदी अरब और रूस समेत दुनिया के अन्य सभी ओपेक प्लस देशों ने रविवार को अचानक से तेल उत्पादन में लगभग 16 लाख बैरल प्रतिदिन की कटौती करने की घोषणा की है। इस फैसले से दीर्घ अवधि में भारत पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
मीडिया सूत्रों की माने तो, ओपेक प्लस देशों की इस अप्रत्याशित कदम पर विश्लेषकों का कहना है कि इससे तेल की कीमत में वृद्धि होगी। भारत अपनी 4.9 मिलियन बैरल प्रतिदिन की जरूरतों का 85% क्रूड ऑयल आयात करता है। क्रूड ऑयल के हर बैरल की कीमत में अगर 10 डॉलर का इजाफा होता है तो भारत का आयात बिल सालाना 15 अरब डॉलर तक बढ़ सकता है। मीडिया की माने तो, यह देश की जीडीपी का करीब 0.51% है।
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