सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान में एक व्यक्ति को कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार 74 वर्षीय वकील को यह कहते हुए जमानत दे दी, कि आरोपी को लगातार कैद में रखने की जरूरत नहीं है। मीडिया की माने तो, राजस्थान के व्यक्ति ने हाथ से लिखे सुसाइड नोट में वकील के बेटे और दो अन्य लोगों को अपनी मौत के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार ठहराया था। उसने यह भी स्पष्ट रूप से कहा था कि वकील ने कथित रूप से धमकी दी थी। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमण्यम और न्यायमूर्ति पंकज मित्तल की खंडपीठ ने आरोपी को जमानत देने से इनकार करने वाले राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया। उन्होंने कहा कि यह ऐसा मामला नहीं है जहां अपीलकर्ता को लगातार कैद में रखना आवश्यक है। खासकर तब, जब इस मामले में अंतिम रिपोर्ट दाखिल कर दी गई है। पीठ ने कहा, याचिकाकर्ता की जमानत को स्वीकार किया जाता है और दिए गए आदेश को रद्द किया जाता है। अपीलकर्ता को निचली अदालत द्वारा लगाए गए नियमों और शर्तों के आधार पर जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया जाता है।”
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