दिल्ली एम्स में एक छोटी सी बच्ची रॉली के पिता हरिनारायण रोते हुए अपनी बेटी की मुस्कान को याद करते हैं। उनके द्वारा बताया गया कि रॉली तो इस दुनिया को छोडकर चली गई किन्तु वह जाते-जाते भी 2 लोगों को एक नया जीवनदान दे गई। लगभग 6 साल की बच्ची रॉली जिसने अभी दुनिया भी नहीं देखी थी, उसके सिर पर गोली लगने की वजह से वह दुनिया को छोडकर तो चली गई लेकिन जाते-जाते अपने शरीर के अंगों को दान कर करके एक नया इतिहास बना गई।