उप-राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने सतत और स्थाई विकास के लिए जैविक खेती के महत्व पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि मिट्टी और पानी जैसे प्राकृतिक संसाधन असीमित नहीं हैं और मानवता का भविष्य उनके संरक्षण पर निर्भर है। नई दिल्ली में उप-राष्ट्रपति निवास पर भूमि सुपोषण पुस्तक के विमोचन के बाद श्री नायडू ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि कई पर्वतीय राज्यों में जैविक खेती सफलतापूर्वक अपनाई जा रही है।
उप-राष्ट्रपति ने कहा कि छोटे-छोटे राज्यों ने यह दिखाया है कि लघु और सीमांत किसानों के लिए जैविक खेती विशेष रूप से लाभप्रद है। उन्होंने कीटनाशकों और उर्वरकों के अत्यधिक इस्तेमाल के कारण भूमि उर्वरता के ह्रास पर चिंता प्रकट की।
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