रक्षा मामले में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में मंत्रालय ने 928 रणनीतिक रूप से अहम उत्पादों की लिस्ट जारी की है, जिनका अभी देश में ही निर्माण किया जाएगा। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अभी इन उत्पादों के आयात पर लगभग 715 करोड़ रुपए खर्च होते हैं। लिस्ट को जारी करने का उद्देश्य आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत देश में ही रक्षा उत्पादों के निर्माण को बढ़ावा देना है। अगले पांच से साढ़े पांच साल में इन उत्पादों के विदेशों से आयात पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इससे ना सिर्फ देश में रक्षा उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा साथ ही हमारी रक्षा उत्पादन की गुणवत्ता में भी इजाफा होगा। इसके लिए रिसर्च संस्थानों को भी इससे जोड़ा जाएगा।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत देश में ही रक्षा उत्पादों के निर्माण को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी के तहत रक्षा विभाग ने 928 उत्पादों की एक लिस्ट जारी की है, जिनका अब भारत में ही निर्माण किया जाएगा। रक्षा मंत्रालय ने दिसंबर 2023 से लेकर दिसंबर 2028 तक इन 928 उत्पादों के आयात पर प्रतिबंध लगाने की समय सीमा तय की है। इससे पहले रक्षा मंत्रालय ने तीन और ऐसी लिस्ट जारी की थी। ये लिस्ट दिसंबर 2021, मार्च 2022 और अगस्त 2022 में जारी की गईं थी। अभी तक 2500 उत्पादों का घरेलू उत्पादन शुरू हो चुका है और तय समयसीमा में ही 1238 उत्पादों का भी देश में उत्पादन शुरू करने की योजना है।आत्म निर्भर योजना के तहत अगले पांच सालों में देश में 1.75 लाख करोड़ रुपए के रक्षा उत्पादों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। जानकारी के अनुसार, भारत दुनिया के सबसे बड़े हथियार खरीददारों में से एक है। अगले पांच सालों में सेना अपनी हथियार खरीद जरूरतों पर लगभग 130 बिलियन डॉलर खर्च करने की योजना बना रही है।
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