‘मन की बात’ के 102वां संस्करण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि, आमतौर पर ‘मन की बात’ हर महीने के आखिरी रविवार को आपके पास आती है, लेकिन इस बार यह एक हफ्ते पहले हो रही है। आप सभी जानते हैं, मैं अगले हफ्ते अमेरिका में रहूंगा और वहां कार्यक्रम काफी व्यस्त होने वाला है, और इसलिए मैंने सोचा कि मैं जाने से पहले आपसे बात कर लूं, इससे बेहतर क्या हो सकता है। उन्होंने इस कार्यक्रम में कहा कि, भारत लोकतंत्र की जननी है, Mother of Democracy है। हम अपने लोकतांत्रिक आदर्शों को सर्वोपरि मानते हैं, अपने संविधान को सर्वोपरि मानते हैं, इसलिए हम 25 जून को भी कभी भुला नहीं सकते। यह वही दिन है जब हमारे देश पर Emergency थोपी गई थी। यह भारत के इतिहास का काला दौर था।
पीएम मोदी ने अपने इस कार्यक्रम में रथयात्रा का जिक्र करते हुए कहा है कि, 20 जून को ऐतिहासिक रथयात्रा का दिन है। रथयात्रा की पूरी दुनिया में एक विशिष्ट पहचान है। देश के अलग-अलग राज्यों में बहुत धूमधाम से भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जाती है। ओडिशा के पुरी में होने वाली रथयात्रा तो अपने आप में अद्भुत होती है। जब मैं गुजरात में था तो मुझे अहमदाबाद में होने वाली विशाल रथयात्रा में शामिल होने का अवसर मिलता था।

उन्होंने योग दिवस को लेकर भी कहा कि, इस वर्ष योग दिवस की theme है- Yoga for Vasudhaiva Kutumbakam यानि ‘एक विश्व एक परिवार’ के रूप में सबके कल्याण के लिए योग। यह योग की उस भावना को व्यक्त करता है, जो सबको जोड़ने वाली और साथ लेकर चलने वाली है। हर बार की तरह इस बार भी देश के कोने-कोने में योग से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
उन्होंने बाइपरजॉय चक्रवात की चर्चा करते हुए कहा कि अभी दो-तीन दिन पहले हमने देखा कि देश के पश्चिमी हिस्से में कितना बड़ा चक्रवात आया, तेज हवाएं, भारी बारिश। कच्छ में चक्रवाती तूफान बिपर्जोय ने भारी तबाही मचाई है। लेकिन कच्छ के लोगों ने जिस साहस और तैयारी के साथ इतने खतरनाक चक्रवात का मुकाबला किया, वह भी उतना ही अभूतपूर्व है। उन्होंने बताया कि, कभी दो दशक पहले आए विनाशकारी भूकंप के बाद कच्छ को कभी न उबर पाने वाला कहा जाता था… आज वही जिला देश के सबसे तेजी से विकास करने वाले जिलों में से एक है। मुझे विश्वास है कि कच्छ के लोग बाइपरजॉय चक्रवात से हुई तबाही से तेजी से उभरेंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि, इसी महीने खेल जगत से भारत के लिए कई बड़ी खुशखबरी आई हैं। भारत की टीम ने पहली बार Women’s Junior Asia Cup जीतकर तिरंगे की शान बढ़ाई है। इसी महीने हमारी Men’s Hockey Team Junior Asia Cup जीता है इसके साथ ही हम इस tournament के इतिहास में सबसे अधिक जीत दर्ज करने वाली टीम भी बन गए हैं। उन्होंने इस कार्यक्रम में जापान की तकनीक मियावाकी के बारे में बताया कि जापान की तकनीक मियावाकी, अगर किसी जगह की मिट्टी उपजाऊ नहीं रही हो तो मियावाकी तकनीक उस क्षेत्र को फिर से हरा-भरा करने का बहुत अच्छा तरीका होती है। मियावाकी जंगल तेजी से फैलते हैं और दो-तीन दशक में जैव विविधता का केंद्र बन जाते हैं। अब इसका प्रसार बहुत तेजी से भारत के भी अलग-अलग हिस्सों में हो रहा है।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के लोगों ने एक कमाल कर दिखाया है। बारामूला में खेती-बाड़ी तो काफी समय से होती है, लेकिन यहां दूध की कमी रहती थी। बारामूला के लोगों ने इस चुनौती को एक अवसर के रूप में लिया। यहां बड़ी संख्या में लोगों ने डेयरी का काम शुरू किया।
पीएम मोदी ने अपने इस कार्यक्रम में कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज की वीरता के साथ ही उनकी Governance और उनके प्रबंध कौशल से भी बहुत कुछ सीखने को मिलता है। विशेषकर जल-प्रबंधन और नौसेना को लेकर छत्रपति शिवाजी महाराज ने जो कार्य किए, वो आज भी भारतीय इतिहास का गौरव बढ़ाते हैं। उनके बनाए जलदुर्ग, इतनी शताब्दियों बाद भी समंदर के बीच में आज भी शान से खड़े हैं।
उन्होंने आगे कहा कि बीते वर्षों में भारत ने आपदा प्रबंधन की जो ताकत विकसित की है, वो आज एक उदाहरण बन रही है। प्राकृतिक आपदाओं से मुकाबला करने का एक बड़ा तरीका है- प्रकृति का संरक्षण। आजकल Monsoon के समय में तो इस दिशा में हमारी ज़िम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। इसलिए ही आज देश, ‘Catch the Rain’ जैसे अभियानों के जरिए सामूहिक प्रयास कर रहा है।
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