मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर बेंच ने एक अनूठी पहल की है। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अब से मध्यप्रदेश में महिला पुलिस की तैनाती ‘शौर्य दीदी’ के रूप में की जाएगी। ये शौर्या दीदी नाबालिगों (पीड़ितों) को सदमे से उबरने में मदद करेंगी। उच्च न्यायलय ने यह फैसला एक मामले की सुनवाई के दौरान लिया है। इस पहल का बेहतर क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर कई परिवर्तन ला सकता है। ग्वालियर बेंच एक नाबालिग के केस की सुनवाई कर रही थी उस दौरान यह फैसला लिया गया। ग्वालियर हाईकोर्ट ने रेप पीड़िता की याचिका पर सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश पुलिस को यह पहल को शुरू करने के निर्देश दिए हैं। ग्वालियर हाईकोर्ट ने नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता की याचिका की सुनवाई करते हुए MP पुलिस को एक अनूठी पहल शुरू करने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश के सभी थान स्तर पर शौर्या दीदी तैनात रहेंगी। नाबालिक की शिकायत पर केस दर्ज होने के बाद यह शौर्या दीदी पीड़ित नाबालिग को सदमे से उबारने का काम करेंगी।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, उच्च न्यायलय के निर्देशानुसार ‘शौर्या दीदी’ को पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। यदि कोई नाबालिग अपनी शिकायत दर्ज करवाता है तो महिला पुलिस ‘शौर्या दीदी के रूप में पीड़ित के परिवार वालों से मिलेगी। जब तक स्थिति सामान्य न हो जाए तब तक नाबालिग के परिवार के संपर्क में रहेंगी। महिला एसपी भी इच्छानुसार शौर्या दीदी की भूमिका निभा सकती है।
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