मप्र : भगवान श्री महाकालेश्वर की श्रावण माह में निकलने वाली सवारियों के क्रम में छठी सवारी परंपरानुसार धूमधाम से शुरू हुई। सवारी में भगवान श्री महाकालेश्वर ने छह विभिन्न स्वरूपों में भक्तों को दर्शन दिए। इसमें पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड रथ पर शिवतांडव एवं बैलगाडी में नंदी पर श्री उमा-महेश, डोल रथ पर होलकर स्वरूप के साथ ही नए रथ पर घटाटोप स्वरूप में विराजमान होकर बाबा महाकाल अपनी प्रजा का हाल जानने निकले। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी निकलने के पहले मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर का पूजन-अर्चन किया गया। पूजन शासकीय पुजारी पं. घनश्याम शर्मा द्वारा संपन्न कराई गई। इस दौरान सभा मंडप में अनेक जनप्रतिनिधि मंदिर के पुजारीगण उपस्थित रहे। जिन्होंने भगवान श्री महाकालेश्वर का पूजन -अर्चन किया और आरती में सम्मिलित हुए। सभी गणमान्यो में पालकी को कंधा देकर नगर भ्रमण हेतु रवाना किया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सवारी में लाखों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए हैं। मंदिर से बाहर भगवान महाकाल की सवारी को पुलिस की सशस्त्र बल टुकड़ी ने सलामी दी। बैंड-बाजे और ढोल-नागाड़ों के साथ भजन मंडलियां और भक्तों की मंडलियां सवारी के साथ-साथ चल रही हैं। सड़क के दोनों ओर बाबा महाकाल के दर्शन के लिए भक्त खड़े हैं। जगह-जगह सवारी का फूल बरसाकर स्वागत किया जा रहा है। इस बार सवारी में आजादी का जश्न भी दिखाई दे रहा है। कई भजन मंडली तिरंगे के साथ नजर आईं। आज की सवारी में करीब 5 लाख भक्तों के आने का अनुमान जताया जा रहा है।
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