देश में UPI ट्रांजेक्शन का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है और इससे जुड़ी सुविधाओं में भी इजाफा होता जा रहा है। अब इसी दायरे में एक और नई सुविधा जुड़ गई है। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को कहा कि यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) सिस्टम में अब से प्री-सेंक्शन्ड या प्री-अप्रूव्ड लोन या क्रेडिट लाइन को भी शामिल किया जा रहा है। अभी तक UPI सिस्टम के जरिये सिर्फ जमा रकम का ही लेनदेन किया जा सकता था और फिलहाल बचत खाते, ओवरड्रॉफ्ट खाते, प्रीपेड वॉलेट और क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से जोड़ा जा सकता है। हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एलान किया कि लेनदेन के लिए बैंकों की तरफ से जारी प्री-अप्रूव्ड लोन फैसिलिटी को भी UPI सिस्टम में शामिल करने से ग्राहकों को इसका बड़ा फायदा मिलेगा। देश के सेंट्रल बैंक के मुताबिक, ऐसा होने से UPI की लागत भी कम हो सकती है और भारतीय बाजारों के लिए अनूठे प्रोडक्ट्स के विकास में मदद मिल सकती है। RBI ने जानकारी दी कि इस सुविधा के तहत पहले से मंजूर लोन के जरिए किसी शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंक को ग्राहक को क्रेडिट इश्यू करने की सुविधा मिलती है। हालांकि ये शर्त है कि इसके लिए पहले से ग्राहक की अनुमति ली हुई हो। इस तरह के फंड के जरिए UPI सिस्टम के तहत ट्रांजेक्शन किए जा सकते हैं।
मीडिया की माने तो, केंद्रीय बैंक ने अप्रैल में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) का दायरा बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था। इसके तहत बैंकों में पहले से मंजूर ऋण सुविधा से स्थानांतरण/को स्थानांतरण की मंजूरी देने की बात कही गई थी। फिलहाल बचत खाते, ओवरड्रॉफ्ट खाते, प्रीपेड वॉलेट और क्रेडिट कार्ड को UPI से जोड़ा जा सकता है। मोबाइल उपकरणों के माध्यम से चौबीसों घंटे तत्काल धन हस्तांतरण के लिए उपयोग किए जाने वाले UPI से लेनदेन अगस्त में 10 अरब का आंकड़ा पार कर गया। रिजर्व बैंक ने ‘बैंकों में पूर्व-स्वीकृत ऋण सुविधा का UPI के जरिये परिचालन’ पर एक परिपत्र जारी करते हुए कहा कि UPI के दायरे में अब ऋण सुविधा को भी शामिल कर लिया गया है।
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