पेईचिंग में भारतीय दूतावास तथा हांगकांग, शंघाई और ग्वांगझोउ में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने भारत के स्वाधीनता संग्राम के इतिहास को याद करते हुए आजादी का अमृत महोत्सव आयोजित किया। इस अवसर पर अवध के अंतिम शासक नवाब वाजिद अली शाह और उनकी पत्नी बेगम हजरत महल के ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ 1857 के संघर्ष पर आधारित नाटक “द अवध क्वाट्रेन” का मंचन किया गया।
पेईचिंग में भारत की इस राजनयिक संपर्क में बांग्लादेश और श्रीलंका के राजदूत तथा चीन में नेपाली दूतावास के मिशन उप प्रमुख इस समारोह में शामिल हुए।
इस अवसर पर, चीन में श्रीलंका की राजदूत डॉ. पालिता टी.बी. कोहोना ने कहा कि भारत का स्वतंत्रता संग्राम पूरे भारतीय उपमहाद्वीप के लिए प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है।
डॉ. कोहोना ने मौजूदा कठिन समय के दौरान श्रीलंका की सहायता करने के लिए भारत सरकार की सराहना की। उन्होंने कहा कि श्रीलंका इस समय मुश्किल दौर से गुजर रहा है और उम्मीद है कि भारत हमारा मित्र देश बना रहेगा और हमारी सहायता करेगा।
चीन में बांग्लादेश के राजदूत महबूब उज़ ज़मान ने भारत के साथ साझा संस्कृति और विरासत की सराहना की। उन्होंने भारतीय फिल्मों तथा रंगमंच और भारतीय नृत्य शैलियों की बेहतरीन परंपराओं का स्मरण किया।
चीन में नेपाल के मिशन उप प्रमुख कौशल रे ने कहा कि इस ऐतिहासिक नाटक को देखकर उन्हें अपने कॉलेज के दिनों की याद आई, जब वे भारतीय साहित्य, रंगमंच और नाटक का अध्ययन करते थे।
भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में हांगकांग में भारत के महावाणिज्य दूतावास के तत्वावधान में टीकप प्रोडक्शंस ने इस नाटक का निर्माण किया था।
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